हादसे में महिला की गई जान, क्या बच्ची के लिए आ गए भगवान? सत्संग में जाते समय जहानाबाद में हादसा
जहानाबाद में एक सड़क हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि उसकी गोद में बैठी आठ महीने की बच्ची सुरक्षित है। महिला अपने चचेरे भाई के साथ सत्संग में जा रही थी, तभी रतनी ब्लॉक के पास उनकी बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई। अस्पताल में महिला को मृत घोषित कर दिया गया। बच्ची के सुरक्षित होने पर लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन परिवार में शोक का माहौल है।

जहानाबाद में सड़क हादसे में महिला की मौत। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, जहानाबाद। Jehanabad Accident News: रतनी ब्लॉक के समीप शनिवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में एक महिला की मौत हो गई। हालांकि गोद में बैठी नवजात सुरक्षित है।
उनकी गोद में मौजूद मात्र आठ माह की नवजात बालिका सुरक्षित बच गई। इस घटना से स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है, स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
मृतका सुजीत कुमार की पत्नी निभा कुमारी थी। वह अपने मायके सातनपुर काको थाना क्षेत्र से चचेरे भाई के साथ मोटरसाइकिल से कुर्था में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में शामिल होने जा रही थीं।
मृतका के भाई सुनील कुमार ने बताया कि उनकी बहन धर्म-कर्म में काफी आस्था रखती थीं और इसी कारण सत्संग में जाने की तैयारी की गई थी।
सड़क किनारे पलट गई बाइक इकक
उन्होंने बताया कि रतनी ब्लॉक के पास अचानक से बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि निभा कुमारी गंभीर रूप से जख्मी हो गईं।
बाइक चला रहे चचेरे भाई को भी चोटें आई हैं, लेकिन हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत सहायता की और घायल महिला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया।
जांच के बाद डाक्टर ने निभा को मृत बता दिया। डाक्टर के अनुसार सिर और शरीर पर गंभीर चोट लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
आठ माह की बेटी से छिना मां का साया
इस दौरान उनकी गोद में मौजूद आठ माह की नवजात बालिका चमत्कारिक रूप से सुरक्षित बच गई। बच्ची की सुरक्षा ने स्वजन और मौजूद लोगों को कुछ राहत दी, परंतु महिला की मौत की खबर से पूरे परिवार में मातम छा गया है।
स्वजन बार-बार बच्ची को देखकर बिलख उठते हैं। परिवार ने बताया कि निभा कुमारी की शादी को दो वर्ष से अधिक समय नहीं हुआ था और बेटी के जन्म के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल था।
वही बच्ची अब मां की गोद से सदा के लिए वंचित हो गई है। घटना की जानकारी मिलते ही दोनों परिवारों के लोग अस्पताल पहुंचे और रोते-बिलखते शव के पास बैठे रहे।
वहीं स्वजन ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को गांव ले जाने का निर्णय लिया।

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