Bihar News: बिहार के युवाओं के लिए गुड न्यूज, 62 प्रकार के उद्योग लगाने के लिए नीतीश सरकार दे रही 2 लाख रुपये
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जहानाबाद में युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग के 61 युवाओं को अब तक लाभ मिला है जिन्हें तीन किस्तों में दो लाख रुपये मिलेंगे। यह योजना 62 प्रकार के उद्योगों के लिए सहायता प्रदान करती है जिससे युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है।
जागरण संवाददाता, अरवल। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत मेहनती युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है ताकि वे अपने स्वयं के व्यवसाय की शुरुआत कर सकें।
यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए है जिससे कि वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और आत्मनिर्भर बन पाएं।
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के उत्थान व आत्मनिर्भर बनाने को लेकर चलाई गई मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत जिले में अब तक 61 लाभुकों को सहायता मिली है।
तीन किस्तों में दिए जाएंगे पैसे
रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर तीन किस्तों में दो लाख रुपये दिए जाएंगे। चयनित लाभुकों को रोजगार से संबंधित उपकरण, मशीन व अन्य सामान की खरीदारी के लिए पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये दिए गए हैं। इसके बाद लाभुकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद चयनित लोगों को रॉ-मेटेरियल व अन्य सामान की खरीदारी के लिए दूसरी किस्त के रूप में एक लाख रुपये दिए जाएंगे। सभी कार्य पूर्ण होने के बाद अंतिम किस्त के रूप में 50 हजार रुपये और दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के पात्र लाभुकों का चयन कंप्यूटर के माध्यम से किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के उद्योग विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन मिलने के बाद अनुश्रवण समिति ने इसकी जांच की।
जांच में सही पाए जाने वाले आवेदकों का अंतिम चयन कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन के माध्यम किया गया। इसके बाद चयनित लाभुकों के खाते में संबंधित रोजगार लगाने के लिए पहली किस्त जारी की गई। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना अंतर्गत पिछले वर्ष 44 लाभुकों को लाभ दिया गया था। इस वर्ष अब तक 17 लोगों को लाभ मिला है।
मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत 62 प्रकार के उद्योग लगाने के लिए सहायता मिलती है जिसमें आटा, सत्तू, बेसन उत्पादन, नमकीन, जैम, जैली, सास, नूडल्स, पापड़, अचार, मोरब्बा बनाने के उद्योग शामिल हैं।
इसी तरह फर्नीचर उद्योग से संबंधित बढ़ईगिरी, बांस का सामान, नाव, बेंत का फर्नीचर निर्माण, निर्माण उद्योग से संबंधित सीमेंट की जाली, दरवाजा, खिड़की, प्लास्टर आफ पेरिस का सामान, दैनिक सामग्री जैसे डिटर्जेंट पाउडर, बिंदी, मेहंदी, मोमबती, कृषि यंत्र, गेट ग्रिल के उद्योग शामिल हैं।
वहीं, मधुमक्खी का बक्शा, आभूषण निर्माण, स्टील बॉक्स, लोहार, बिजली पंखा, स्टेबलाइजर आदि शामिल हैं। इसी तरह सेवा उद्योग के लिए सैलून, ब्यूटीपार्लर, ढाबा, लांड्री, रेडिमेड वस्त्र, कसीदाकारी, चमड़े के जूता-चप्पल, चूड़ी व मिट्टी के बर्तन उद्योग लगाने के लिए भी सहायता मिलती है।
मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत अब तक 61 लोगों का चयन कर लिया गया है। सभी प्रक्रिया पूरी कर योजना की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। कार्यों से संबंधित उपकरणों की खरीदारी व प्रशिक्षण के बाद दूसरी किस्त भी जल्द दी जाएगी। - सहदेव दास, महानिदेशक, जिला उद्योग केंद्र
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