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    Bihar Flood: रात के अंधेर में आफत बनके आई फल्गु नदी, चारों ओर पानी-पानी

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 06:33 PM (IST)

    जहानाबाद में फल्गु नदी ने कहर बरपाया है जिससे कई गांव पानी में डूब गए हैं। अचानक आई बाढ़ से लोगों के घरों में पानी घुस गया और उन्हें छतों पर शरण लेनी पड़ी। खेत खलिहान और सड़कें जलमग्न हो गए हैं जिससे यातायात बाधित हो गया है। चालीस हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

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    गांव-घरों में घुस गया बाढ़ का पानी, आधी रात को अफरा-तफरी

    जागरण संवाददाता, जहानाबाद। शुक्रवार की रात्रि खास बारिश नहीं हुई थी। मौसम ख़ुशनुमा था, सभी चैन की नींद में थे। तभी पानी की तेज कलकल धारा सुनकर नींद टूट गई, जब तक लोग कुछ समझ पाते, घरों में पानी प्रवेश कर चुका था। खटिया-चौकी के नीचे पानी भर गया। यह देख सभी सहम गए। आनन फानन घरों की छत पर भागना पड़ा।

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    शनिवार काे भोर में गांवों की तस्वीर देख लोग कांप गए। खेत खलिहान व सड़कें दरिया बन चुकी थी। एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ने वाली सड़कें नदी में तब्दील हो गई। स्कूल व पंचायत भवन आधे डूब गए थे।

    तुलसीपुर निवासी देवेंद्र शर्मा ने बताया कि हम लोगों को इस तरह पानी आने की उम्मीद नहीं थी। इसको लेकर अलर्ट भी नहीं किया गया था, एकाएक पानी ने गांव घर को चारों तरफ से घेर लिया। गांव की गलियां झील बन चुकी थी। सड़क पर पानी का सैलाब था। घरों में रखे अनाज पानी में भींग गए।

    भारथु निवासी ननकू शर्मा ने बताया कि गांव का कोई भी हिस्सा सूखा नहीं बचा है। पशु चारा भी पानी के साथ बह गया। फल्गु हमलाेगों पर आफत बनकर टूटी है। पिछली बार आई बाढ़ के नुकसान से उबरे भी नहीं थे कि फिर फल्गु ने कहर बरपा दिया।

    मेटरा निवासी संतोष कुमार ने बताया कि यह बाढ़ नहीं तबाही का मंजर है। हम लोगों को खेती किसानी पूरी तरह चौपट हो गई। बाढ़ का पानी सड़कों और लोगों के घरों में बह रहा है। आवागमन बाधित हो गया है। घाेसी व मोदनगंज इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा है।

    लगातार दूसरी बार फल्गु में आई बाढ़

    जिले के बुजुर्ग बताते हैं कि नदी में ज्यादा पानी आने से बाढ़ जैसी स्थिति कई बार उत्पन्न हुई है। लेकिन पानी का ऐसा सैलाब पहले कभी नहीं देखने को मिला। एक-एक कर नौ तटबंध टूट गए, सड़कें पानी में नजर नहीं आ रही हैं। घोसी और मोदनगंज के 50 से ज्यादा गांवों के लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी कच्चे मकान में रहने वाले लोगों को हो रही है, चारों ओर पानी जमा है, मिट्टी की दीवार कभी भी जमींदोज हो सकती है।

    खलियानों में रखे पशु चारा पानी में बह गए। पशुपालकों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। गांव की सड़कों पर पानी भरा है, लोग जान जोखिम में डालकर पानी भरे रास्ते से आने-जाने को मजबूर हैं। चालीस हजार से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।