Move to Jagran APP

यहां सरकारी स्कूल में लड़कियों को नहीं मिलता नामांकन

जहानाबाद बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ। यह सरकार का नारा है और इसके प्रति सरकारे काफी सजग भी हैं। बेटियों की शिक्षा-दीक्षा से लेकर उनके शादी-ब्याह तक का इंतजाम सरकार कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 May 2022 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 09 May 2022 09:39 PM (IST)
यहां सरकारी स्कूल में लड़कियों को नहीं मिलता नामांकन
यहां सरकारी स्कूल में लड़कियों को नहीं मिलता नामांकन

जहानाबाद : बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ। यह सरकार का नारा है और इसके प्रति सरकारे काफी सजग भी हैं। बेटियों की शिक्षा-दीक्षा से लेकर उनके शादी-ब्याह तक का इंतजाम सरकार कर रही है। सरकार की इस मंशा पर कुछ मुलाजिम ही पानी फेरने में लगे हैं। मखदुमपुर प्रखंड की मलाठी पंचायत अंतर्गत पराधी गांव में एक ऐसा सरकारी विद्यालय है जहां बेटियों के नामांकन पर रोक है। गांव की बेटियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए पास के दूसरे गांव कनौली जाना पड़ता है।

loksabha election banner

ऐसी एक-दो नहीं बल्कि दस से ज्यादा बेटे-बेटियां हैं। उन्हें शिक्षा लेने के लिए हर दिन आधा किमी दूर आना-जाना होता है। ग्रामीणों ने इसके लिए कई बार अधिकारियों के यहां फरियाद भी लगाई। एक अभिभावक पराधी गांव के शैलेश कुमार अपनी बच्ची राखी कुमारी के नामांकन के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास फरियाद लेकर पहुंचे। जिला शिक्षा पदाधिकारी रोशन आरा ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को बच्ची का नामांकन करते हुए 24 घंटे के अंदर सूचना देने का निर्देश दिया। हफ्ता गुजर गया, बच्ची का नामांकन नहीं हो सका। बच्ची का पहली कक्षा में नामांकन कराना था। थक-हारकर कनौली गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बच्ची का नामांकन करा दिया। दो साल तक वहां पढ़ने के बाद आने-जाने की परेशानी को देखते हुए तीसरे साल टीसी लेकर लौटकर फिर अपने गांव के स्कूल में नामांकन कराए पहुंचे, लेकिन इस बार भी निराश हाथ लगी। यह तो एक बानगी है। पराधी गांव की आठ से दस बच्चियां और पांच से ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जिनका नामांकन पास के गांव कनौली के स्कूल में मजबूरन कराना पड़ा है।

ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि यहां की प्रधानाध्यापिका किसी की नहीं सुनती हैं। वे अपनी मर्जी से काम करती हैं। किसी पदाधिकारी की बात भी नहीं मानती। अब ऐसे में कौन उनसे उलझे। इससे अच्छा है कि पास के स्कूल में बेटे-बेटियों को पढ़ा लें। मलाठी पंचायत के मध्य विद्यालय पराधी में वर्ग से पांच तक की पढ़ाई होती है। वहीं कनौली गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक पढ़ाई की जाती है। इस संबंध में जब प्रधानाध्यापिका कुमंती कुमारी से पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि बच्ची का एडमिशन हो जाएगा। पराधी गांव की ये बच्चियां कनौली जाती हैं पढ़ने राखी कुमारी, पिता शैलेश कुमार

अनिषा कुमारी, पिता राजू यादव

कोमल कुमारी, पिता विनोद कुमार

अनिषा भारती, पिता विनोद यादव

डौली कुमारी, पिता शशि कुमार

सृष्टि कुमारी, पिता शशि यादव

बबीता कुमारी, पिता जोधी यादव

रेणु कुमारी, पिता जोधी यादव

अंजनी कुमारी, पिता जोधी यादव

बबली कुमारी, पिता रविद्र कुमार कोट :

एक अभिभावक की शिकायत हाल में आई थी, जिस पर वहां की प्रधानाध्यापिका को 24 घंटे के अंदर बच्ची का नामांकन कर सूचना देने का निर्देश दिया गया था। अगर अबतक बच्ची का नामांकन नहीं हुआ या अन्य बच्चियों का नामांकन नहीं लिया जा रहा है तो मंगलवार को स्कूल पहुंचकर पूरे मामले की जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर प्रधानाध्यापिका पर निलंबन की कार्रवाई होगी।

रोशन आरा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जहानाबाद।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.