जहानाबाद के किसानों की मुश्किलें बढ़ीं, इतने दिनों में जमीन खाली करने का आदेश; बनेगा एक्सप्रेस-वे
जहानाबाद में आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित भूमि को खाली करने का अंतिम निर्देश जारी किया गया है। प्रशासन ने प्रभावित किसानों को एक सप्ताह के भीतर जमीन खाली करने को कहा है। मुआवजे के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने और मुआवजे की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का आग्रह किया गया है ताकि परियोजना का काम सुचारू रूप से चल सके।

जागरण संवाददाता, जहानाबाद। जिले में आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है, जिसके लिए मौजा धामपुर, करहरा की जमीन का अधिग्रहण कर अंतिम अधिसूचना जारी कर दी गई। अधिसूचना जारी होने के बाद उक्त जमीन विधिवत भारत सरकार की संपत्ति हो गई है।
परियोजना का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन कुछ रैयत अभी भी अधिग्रहित जमीन पर खेती कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद कुछ रैयतों ने जमीन खाली नहीं की है। जिला प्रशासन ने संबंधित रैयतों को एक सप्ताह के अंदर अधिग्रहित जमीन को पूरी तरह खाली करने का निर्देश दिया है।
रैयतों को अधिसूचना की तिथि से 60 दिनों के अंदर मुआवजा का दावा प्रस्तुत करना था। कई रैयतों द्वारा आवश्यक कागजात प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण उच्च न्यायालय, पटना एवं भारत सरकार के निर्देशानुसार उनका मुआवजा स्थानीय व्यवहार न्यायालय, जहानाबाद में जमा कर दिया गया है।
जिला प्रशासन ने सभी प्रभावित किसानों एवं नागरिकों को अंतिम बार निर्देश दिया है कि प्रशासन जल्द ही फसलों को हटाने एवं जमीन खाली कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा। जिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, वे तुरंत आवश्यक दस्तावेजों के साथ भूमि अधिग्रहण कार्यालय या स्थानीय सिविल कोर्ट से संपर्क करें और मुआवजा प्राप्त करें ताकि राष्ट्रीय परियोजना का निर्माण कार्य बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से पूरा हो सके।
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