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    रुपसागर बिगहा में चचरी पुल पर बढ़ा खतरा... अब तक 4 की डूबने से मौत, ग्रामीणों में आक्रोश

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 02:50 PM (IST)

    नहर में पानी रहने पर चचरी पुल से गिरने वाले लोगों को डूबने की खतरा रहता है जब नहर सुखी हो तो गिरकर चोटिल होते है। मुख्य सोन कैनाल होने के कारण यह नहर 15 फिट गहरा और 28 फिट चौड़ा है। रुपसागर बिगहा के अलावे करमचंद बिगहा सदरपुर और धेवई गांव के लोगों का इस चचरी के पुल होकर आना जाना लगा रहता है।

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    रुपसागर बिगहा के लोगो को चचरी पुल पार कर जाना पड़ता है घर

    जागरण संवाददाता, अरवल(जहानाबाद)। कलेर प्रखंड के रुपसागर बिगहा सहित आस पास चार गाँव के लोगो को मुख्य सोन नहर पार करने के लिए चचरी पुल ही सहारा है। इससे लोगों को हमेशा खतरे की आशंका बनी रहती है। चचरी पुल कमजोर होने के कारण कई बार लोगों का भार सहन नहीं कर पाता है, और लोग नहर में ही गिर जाते हैं।

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    नहर में पानी रहने पर चचरी पुल से गिरने वाले लोगों को डूबने की खतरा रहता है जब नहर सुखी हो तो गिरकर चोटिल होते है। मुख्य सोन कैनाल होने के कारण यह नहर 15 फिट गहरा और 28 फिट चौड़ा है। रुपसागर बिगहा के अलावे करमचंद बिगहा, सदरपुर और धेवई गांव के लोगो का इस चचरी के पुल होकर आना जाना लगा रहता है।

    रुपसागर बिगहा पुल पार करने में कई लोगों के नहर में गिरने के कारण जान भी जा चुकी है, इसके बाबजूद पुल का निर्माण नहीं किया जा सका है। स्कूली बच्चे हर दिन चचरी पुल पार कर जाते है पढ़ने रुपसागर बिगहा गांव में प्राथमिक विद्यालय है लेकिन पांचवी से ऊपर के पढ़ाई के लिए बच्चों को बलिदाद जाना पड़ता है।

    चचरी पुल के सहारे नहर पारकर स्कूल जाने में स्कूल की दूरी 500 मीटर है जबकि बलिदाद लख पर बनाए गए पक्का पुल से जाने में इसकी दूरी 3 किलोमीटर हो जाता है, जिसके कारण वलीदाद बाजार जाने वाले ग्रामीण और स्कूल जाने वाले बच्चे चचरी पुल के सहारे ही आवाजाही करते हैं।

    ग्रामीण राजन कुमार, गुड्डू कुमार, राजू कुमार, केशव प्रसाद ने बताया कि चचरी पुल पार करने में जब नहर में पानी रहता है तो डर लगता है दो तीन लोग अगर इसपर एक साथ चढ़ते है तो हिलने लगता है पक्का पुल दूर होने के कारण बच्चे भी इसी पुल से आते जाते हैं, वहीं कही आने जाने के लिए एनएच 139 पर पहुंचने में ग्रामीण मजबूरी में इसी पुल का प्रयोग करते हैं। किसानों को खाद बीज और अपने उत्पाद को बाजार ले जाने के लिए यही चचरी फूल एकमात्र सहारा है।

    चचरी से गिरकर चार लोगों को गई है जान

    चचरी पुल बना कर आवाजाही की जाती है अबतक 4 लोगों की चचरी पुल से गिरने पर नहर में डूब कर मौत हो चुकी है। पिछले वर्ष धेवई निवासी 82 वर्षीय वृद्ध हरिनाथ सिंह कि मौत चचरी पुल से गिरकर हो गयी थी। इसके अलावे रूपसागर बिगहा गांव निवासी विद्यानंद पासवान, वालिदाद गांव निवासी मोती मिस्त्री और गणेश तिवारी की डूब कर मौत हो चुकी है

    चुनाव के समय नेता देते है अश्वसान

    ग्रामीणों ने बताया कि जब जब चुनाव आता है नेता लोग केवल आश्वासन देते है लेकिन किसी प्रकार का पहल नहीं किया जाता है। ग्रामीण अरबिंद पासवान ने कहा कि बीस वर्षों से इस पुल से आवाजाही कर रहे है। बुजुर्ग और बीमार लोग पुल के कारण बरसात में घर से निकलते तक नहीं है।

    कहते है पदाधिकारी

    जिला संचालन समिति में यहां पुल स्वीकृत है विभाग को भेजा गया है। अनुमति मिलने पर पुल का निर्माण कराया जाएगा।

    अशोक कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता

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