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    बिहार में कांग्रेस रिवाइवल मोड ऑन! दिग्गज नेता जिलों में डालेंगे डेरा, संगठन को मजबूत करने का अभियान

    By SUNIL RAAJEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Sun, 21 Dec 2025 12:07 PM (IST)

    बिहार में कांग्रेस पार्टी पुनरुत्थान के मोड में है। पार्टी के दिग्गज नेता जिलों में डेरा डालकर संगठन को मजबूत करने के लिए अभियान चलाएंगे। इस दौरान, वे ...और पढ़ें

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    कांंग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। खरमास समाप्त होते ही बिहार कांग्रेस पार्टी (Bihar Congress) संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पार्टी की पकड़ को पंचायत स्तर तक सशक्त करना, संगठन की कमियों की पहचान करना और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरना है।

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    इसके तहत कांग्रेस के बड़े और अनुभवी नेता जिलों में जाकर कैंप करेंगे और जिलों से लेकर पंचायत स्तर तक पार्टी की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।

    बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की बड़ी पराजय का सामना करने के बाद पार्टी ने इस दिशा में पहल कदमी की है। सूत्रों के अनुसार अभियान चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में चलेगा।

    सभी जिले में बारी-बारी से वरिष्ठ नेताओं की टीम कुछ दिनों तक ठहरकर जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर की संगठनात्मक स्थिति का आकलन करेगी। इस दौरान पार्टी की सक्रियता, बूथ स्तर की मजबूती, सदस्यता अभियान की प्रगति और चुनावी पराजय के कारणों की बिंदुवार समीक्षा होगी।

    कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि हाल के चुनावों और राजनीतिक घटनाक्रमों से यह स्पष्ट हुआ है कि पार्टी संगठन की मजबूती ही पार्टी की सफलता की कुंजी है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला कैंपों के दौरान स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा। कार्यकर्ता अपनी समस्याएं, सुझाव और क्षेत्रीय मुद्दे खुलकर रख सकेंगे। ताकि जो कमियां हैं उन्हें दूर किया जा सके।

    पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा यह भी देखा जाएगा कि किन क्षेत्रों में संगठन कमजोर है और वहां किस प्रकार से पुनर्गठन की आवश्यकता है। निष्क्रिय पदाधिकारियों की पहचान, सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपने और युवा व महिला कांग्रेस को अधिक प्रभावी भूमिका देने पर भी जोर रहेगा।

    इसके साथ ही, पंचायत स्तर पर नियमित बैठकें, जनसंपर्क कार्यक्रम और मुद्दा आधारित आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी। कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि यह अभियान केवल समीक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके आधार पर भविष्य की ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी।