अरवल में मार्निंग वॉक पर निकले कंपाउंडर की गोली मारकर हत्या, इलाके में सनसनी
अरवल के कुर्था थाना क्षेत्र में एक कंपाउंडर, पुरुषोत्तम मिश्रा की सुबह टहलते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह औरंगाबाद के एक क्लीनिक में काम करते थे। उनके पुत्र ने चचेरे मामा धर्मेंद्र मिश्रा पर हत्या का आरोप लगाया है, जिसे अवैध वसूली के चलते क्लीनिक से निकाल दिया गया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कंपाउंडर की गोली मारकर हत्या
संवाद सूत्र, कुर्था, अरवल। कुर्था थाना क्षेत्र के सचई गांव आहर के पास मंगलवार की सुबह चार बजे एक कंपाउंडर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसकी पहचान सचई गांव निवासी पुरुषोत्तम मिश्रा उर्फ संतोष मिश्रा 45 वर्ष के रूप में की गई।
वह औरंगाबाद जिले के गोह में एक क्लीनिक में कंपाउंडर थे, कुछ समय पूर्व एक हाथ में लकवा मारने से फिलहाल गांव पर रह रहे थे, डाक्टर की सलाह पर रोज मॉर्निंग व\क करते थे। मंगलवार को भी मॉर्निंग वाक पर निकले थे, जहां पहले से घात लगाए अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
दो गोली मार गई है। घटनास्थल पहुंची पुलिस ने एक खोखा बरामद किया है। फोरेंसिक टीम ने कई प्रकार के सैंपल इकट्ठा कर जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम से पहले शव का एक्सरे कराया गया, ताकि स्पष्ट हो सके कि किस हथियार से हत्या की गई है।
कुर्था थाना अध्यक्ष समीर कुमार ने बताया कि हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए कई पहलुओं पर जांच की जा रही है।
संतोष मिश्रा के पुत्र हर्षवर्धन राज ने बताया कि सुबह में ग्रामीणों से सूचना मिली कि पिताजी नहर पर गिरे हुए हैं।
वहां गए तो खून से लथपथ उनका शव पड़ा था। पुत्र ने हत्या के लिए चचेरे मामा औरंगाबाद जिले के देवकुंड थाना क्षेत्र के भदोही गांव निवासी धर्मेंद्र मिश्रा पर आरोप लगाया है। क्लीनिक संतोष मिश्रा के साला मदन मोहन पांडेय की है, जहां धर्मेंद्र मिश्रा भी कंपाउंडर थे।
क्लीनिक में मरीजों से अवैध वसूली की शिकायत पर धमेंद्र मिश्रा को कुछ दिनों पूर्व हटा दिया गया था। इसी खुन्नस में घटना को अंजाम दिया गया। धर्मेंद्र मिश्रा के द्वारा संतोष मिश्रा को लगातार मोबाइल पर धमकी दी जा रही थी।
ग्रामीणों ने बताया कि संतोष मिश्रा ईमानदार व शांत स्वभाव और मिलनसार व्यक्ति थे। दो वर्ष पूर्व बीमारी के कारण पत्नी का निधन हो चुका है। तीन पुत्र हैं। हर्षवर्धन और आर्यवर्धन पटना में रहकर पढ़ाई करते हैं। राज्यवर्धन घर पर रहकर अपने पिता की देखभाल करते थे।
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