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    त्योहार फीका, भूखमरी कगार पर: जहानाबाद के 450 शिक्षक चार माह से वेतनहीन

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 06:25 AM (IST)

    जहानाबाद में शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण 450 शिक्षकों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। त्योहारों के बावजूद वेतन न मिलने से शिक्षकों में निराशा है। बीपीएससी से नियुक्त प्रधान शिक्षकों और हेडमास्टरों को एचआरएमएस पोर्टल पर कन्वर्जन पूरा न होने के कारण परेशानी हो रही है। शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

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    450 शिक्षकों को चार माह से वेतन नहीं। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, जहानाबाद। हिन्दुओं के महान पर्व एवं त्योहार में भी शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी की लापरवाही के कारण शिक्षकों को वेतन नहीं मिल सका। सरकार ने त्योहार के मद्देनजर आवंटन भी जारी कर दिया था, इसके बावजूद चार माह से अधिक समय से शिक्षकों का वेतन बकाया है।

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    शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग का सख्त निर्देश था कि पर्व के पूर्व वेतन का भुगतान कर देना है। लेकिन, सरकारी आदेश का जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना पर कोई असर नहीं दिखा।

    इसके कारण बीपीएससी से नियुक्त लगभग 450 प्रधान शिक्षक एवं हेडमास्टर को वेतन नहीं मिल सका। इन लोगों को योगदान किए चार माह बीत चुके हैं। अब तक एचआरएमएस पोर्टल पर कनवर्जन का कार्य भी पूरा नहीं किया गया है।

    प्रधान शिक्षक, शिक्षिकाओं ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपनी शिकायत भी दर्ज की है। अधिकारी इतने व्यस्त हैं कि पोर्टल पर आई शिकायत को देख भी नहीं सके हैं। चार माह से वेतन नहीं मिलने के कारण प्रधान शिक्षक एवं हेडमास्टर भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। उनके बच्चों के पठन-पाठन भी प्रभावित हो रहा है।

    उन शिक्षकों को और अधिक समस्या है जो दूसरे जगह रहकर ड्यूटी करते हैं। उन्हें कमरा का किराया, दूध एवं किराना दुकानदार द्वारा भी अब सामग्री देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

    कितने ऐसे शिक्षक हैं जो दशहरा, दीपावली, छठ पर्व में भी किसी सामग्री की खरीदारी तो दूर, बच्चों के लिए एक खिलौना या मिठाई भी नहीं खरीद सके। वेतन नहीं मिलने पर उन शिक्षकों का त्योहार फीका ही रहा।

    शिक्षकों का कहना है कि जब भी वेतन की समस्या के समाधान को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलने जाते हैं तो उनके द्वारा कर्मचारी से मिलने की बात कहकर टाल दिया जाता है। कर्मचारी से मिलने पर अधिकारी से मिलने की बात कहते हैं।

    शिक्षकों ने कहा कि यदि वेतन का भुगतान अतिशीघ्र नहीं किया गया तो हम सभी शिक्षक धरना प्रदर्शन करने को बाध्य हो जाएंगे। इसकी सारी जवाबदेही जिले के डीईओ एवं डीपीओ स्थापना की होगी। इस संबंध में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी के मोबाइल पर फोन लगाया तो रिंग होता रहा लेकिन मोबाइल उठाना मुनासिब नहीं समझा।