सहजन बेंच लाखों का मुनाफा कमा रहे जहानाबाद के किसान, 40 रुपये प्रति किलो की दर से पत्तियां खरीदता है वन विभाग
जहानाबाद के किसान विटामिन और मिनिरल्स से भरपूर सहजन की खेती कर आज लाखों की कमाई कर रहे हैं। सहजन की पत्तियों को बेंचकर जिले के मखदुमपुर प्रखंड की तीन ...और पढ़ें

रंजीत भारतीय, जहानाबाद: जहानाबाद के किसान विटामिन और मिनिरल्स से भरपूर सहजन की खेती कर आज लाखों की कमाई कर रहे हैं। सहजन की पत्तियों को बेंचकर जिले के मखदुमपुर प्रखंड की तीन पंचायतों के 16 गांवों के 100 से ज्यादा किसान इससे मुनाफा कमाकर खुशहाल हो रहे हैं।
मोरिंगा अथवा सहजन जिसे आम बोल-चाल की भाषा में मुनगा भी कहते हैं। यह औषधीय पौधा है। इसकी गुणकारी पत्तियां किसानों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो रही हैं।
बेहद ही गुणकारी है सहजन
विशेषज्ञों के अनुसार सहजन की पत्ती में विटामिन सी, कैल्शियम, विटामिन ए, पोटेशियम और आयरन के अलावा विटामिन डी, एमिनो एसिड, फास्फोरस, कैरोटीन समेत दूसरे एंटी ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। डायबीटीज, ब्लड प्रेसर, दर्द, खून की कमी जैसी कई बीमारियों को दूर करने में सहजन का सेवन रामबाण माना गया है।
कैसे हुई शुरुआत
2020 में भैख वन समिति बराबर मखदुमपुर के द्वारा वन विभाग और आईसीआईसी फाउंडेशन के सहयोग से बराबर नर्सरी में इसकी प्रोसेसिंग यूनिट लगाई गई। नर्सरी की 25 एकड़ भूमि पर एक लाख से अधिक मुनगा के पौधे लगाए गए थे।
इसमें मुनाफा देख आसपास की तीन पंचायत भैख, साकिर विगहा और जमनगंज के 16 गांवों के किसानों ने भी मुनगा का बगीचा लगाना शुरू कर दिया, ताकि फल के साथ पत्तियों से भी आर्थिक लाभ मिल सके। वन विभाग 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मुनगा की पत्तियों को खरीदता है।
पांच किलोग्राम पत्ती को प्रोसेस करके एक किलोग्राम पाउडर तैयार किया जाता है। इससे प्रति पौधा किसान को 6 से 8 हजार रुपए सालाना आमदनी हो जाती है।
भैख गांव की चिंता देवी ने बताया कि मुनगा की पत्तियांं वन विभाग को बेचकर ठीक-ठाक रकम जुटा लेती हैं। इससे घर का गुजारा अच्छे से हो जाता है।
यूनिट स्थापित करने में आई 12 लाख की लागत
समिति के अध्यक्ष सुधीर शर्मा ने बताया कि मुनगा पेड़ से पत्तियों को चुनने के लिए 20 लोगों को लगाया गया है। प्रोसेसिंग यूनिट में 10 से अधिक लोगों को स्थाई रोजगार मिला है। प्रोसेसिंग यूनिट और पौधा लगाने पर 12 लाख रुपये खर्च किया गया है।
फाउंडेशन के डीओ अलखेंद्र कुमार ने बताया कि सहजन के पाउडर की मांग काफी बढ़ी है। पिछले दो साल में 2000 किलो ग्राम पाउडर बेचा गया है। इस साल 6000 किलोग्राम पाउडर बेचने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि आज शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां के परिवार का कोई सदस्य डायबीटीज, बीपी, गैस, रक्त की कमी अथवा घुटना दर्द से पीड़ित नहीं होंगे। ऐसे में 15 दिन से एक महीना लगातार सेवन से इन रोगों से निजात अथवा उसमें भारी कमी आ जाती है।
सहजन पाउडर की पैकिंग कर जहानाबाद के अलावा गया, पटना, अरवल, औरंगाबाद आदि जिलों में भेजा जाता है। होम डिलीवरी की भी व्यवस्था है।

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