अरवल में मानवता शर्मसार: खेत में रोती हुई मिली कुछ घंटे पहले जन्मी बच्ची, लोगों ने सदर अस्पताल पहुंचाया
Infant Girl Found In Farmland In Arwal सदर थाना क्षेत्र में नौ नंबर पुल के समीप शनिवार की देर रात एनएच 110 किनारे खेत में कुछ घण्टे पहले जन्मी एक बच्ची के रोने की आवाज सुन वहां से गुजर रहे लोगों के पांव ठहर गए।
अरवल, जागरण संवाददाता: सदर थाना क्षेत्र में नौ नंबर पुल के समीप शनिवार की देर रात एनएच 110 किनारे खेत में कुछ घंंटे पहले जन्मी एक बच्ची के रोने की आवाज सुन वहां से गुजर रहे लोगों के पांव ठहर गए।
लोग खेत की तरफ गए तो नवजात बच्ची लावारिस हालत में पड़ी मिली। सामाजिक कार्यकर्ता रवींद्र कनौजिया,विकास कुमार यादव समेत अन्य लोगों ने आनन-फानन नवजात को सदर अस्पताल पहुंचाया।
सदर अस्पताल प्रबंधक मोहम्मद रिजवान ने बताया कि शिशु की स्थिति सामान्य है। अस्पताल में देर रात शिशु को लेकर स्थानीय लोग आए थे। एसएनसीयू में चिकित्सक नवजात का इलाज कर रहे हैं।
नर्सिंग स्टाफ संभार रहा नन्ही सी गुड़िया को
नौ माह तक अपनी कोख में बच्ची को पालने वाली आखिर वो कौन सी मां थी जो जन्म लेते ही उसे खेत में मरने के लिए फेंक गई। शुक्रिया उनका, जिहोंने बच्ची को सही समय पर अस्पताल पहुंचा, उसे जीवनदान दे दिया।
बच्ची पर देवी माँ की ही कृपा रही होगी, जो रात के अंधेरे को चीरते हुए उसकी आवाज समाजसेवियों तक जा पहुंची। वरना खेत मे ही उसकी चीख दम तोड़ देती।
बच्ची बिन ब्याही मां की है या उसे कन्या होने की सजा मिली, यह जांच का विषय है। ममता को शर्मसार करने वाली इस घटना से सभी के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि बच्ची को मां के आंचल से छीनकर खेत में फेंक दिया गया।
अब सदर अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की गोद में पल रही इस नन्ही सी जान की मासूमियत यही सवाल कर रही है कि मां मेरा कसूर क्या था?
स्थानीय लोगों ने बताया कि शहर में कई ऐसे नर्सिंग होम हैं, जहां इस तरह के अनैतिक कार्य किए जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस पर नकेल नहीं कसता। कन्या भ्रूण हत्या के लिए ही ये नर्सिंग होम जाने जाते हैं।