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    बिहार में ठंड का प्रकोप: जहानाबाद में 4 दिनों से नहीं निकली धूप, 9 डिग्री तक लुढ़का पारा

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 03:12 PM (IST)

    बिहार में ठंड (Bihar Cold Wave) का प्रकोप जारी है। जहानाबाद में पिछले 4 दिनों से धूप नहीं निकली है, जिससे ठंड और बढ़ गई है। तापमान में गिरावट दर्ज की ...और पढ़ें

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    ठंड में आग तापते लोग। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, जहानाबाद। बिहार के जहानाबाद जिले में लगातार चार दिनों से धूप नहीं निकलने और न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस पहुंच जाने के कारण जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है। सुबह से लेकर शाम तक आसमान में कोहरा और ओस का प्रकोप बना हुआ है।

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    ठंड और शीतलहर के कारण आम लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, वहीं सड़कों और बाजारों में भी पहले जैसी चहल-पहल नजर नहीं आ रही है।

    सुबह के समय कोहरा इतना घना होता है कि कुछ ही मीटर की दूरी पर देख पाना कठिन हो जाता है। इससे न केवल आम लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि वाहन चालकों को भी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों की रफ्तार काफी धीमी हो गई है, जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है।

    भीषण ठंड से बचने के लिए लोग अपने-अपने स्तर पर इंतजाम करते नजर आ रहे हैं। शहर के चौक-चौराहों, चाय की दुकानों और बाजारों में लोग लकड़ी, कचरा या पुआल जलाकर खुद को गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं।

    सुबह और शाम के समय चाय की दुकानों पर लोगों की भीड़ पहले से ज्यादा दिखाई दे रही है। ठंड के कारण गर्म कपड़ों, कंबलों और अलाव की मांग भी बढ़ गई है। सरकारी स्तर पर शहर के कुछ प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था जरूर की गई है, लेकिन यह व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है।

    खासकर ग्रामीण तथा प्रखंड मुख्यालय और छोटे बाजारों में अलाव का कोई समुचित इंतजाम नहीं है। जिससे लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। ग्रामीण इलाकों में खेतों में काम करने वाले मजदूर,छोटे दुकानदार और राहगीर ठंड से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

    इस भीषण ठंड में सबसे खराब स्थिति फुटपाथ और रैन बसेरा में जीवन यापन करने वाले लोगों की है। खुले आसमान के नीचे रहने वाले लोगों के पास ठंड से बचने के लिए न तो पर्याप्त कपड़े हैं और न ही गर्म रहने के साधन। कई जगहों पर लोग कंबल के अभाव में आग के सहारे रात गुजारने को मजबूर हैं।

    सामाजिक संगठनों द्वारा कुछ स्थानों पर कंबल वितरण किया गया है, लेकिन जरूरत के मुकाबले यह प्रयास बहुत कम है। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल ठंड से राहत मिलने के आसार कम हैं। आने वाले दिनों में तापमान और गिर सकता है, जिससे ठंड और बढ़ने की संभावना है।

    ऐसे में प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर जरूरतमंद लोगों के लिए अलाव, कंबल और रैन बसेरा की बेहतर व्यवस्था करने की आवश्यकता है, ताकि इस कड़ाके की ठंड में किसी को जान-माल का नुकसान न उठाना पड़े। लगातार धूप नहीं निकलने से गीले कपड़ों को सुखाना भी मुश्किल हो गया है।