अरवल के कुछ घरों में चल रहा था गंदा काम; पुलिस ने की रेड तो मच गया हड़कंप, मुक्त कराई गई लड़कियां
बिहार के अरवल में पुलिस ने कुछ घरों पर छापा मारा जहाँ नाबालिग लड़कियों से जबरन देह व्यापार कराया जा रहा था। पुलिस ने कई लड़कियों को मुक्त कराया। इस ...और पढ़ें

छापेमारी के लिए पहुंची पुलिस। जागरण
जागरण संवाददाता, अरवल। शहर के रेडलाइट एरिया में मानव तस्करी और नाबालिगों के यौन शोषण की सूचना पर बुधवार को एसपी मनीष कुमार के निर्देश पर छापेमारी की गई।
छापेमारी में पटना से आई रेस्क्यू फाउंडेशन की टीम भी शामिल हुई। पुलिस ने रेड लाइट एरिया से आठ नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया। साथ ही 16 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें आठ महिलाएं , छह युवक और रेड लाइट एरिया की दो महिला संचालिका शामिल हैं।
छापेमारी के दौरान कमरों से आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई। विभिन्न मकानों से मुक्त कराई गईं अधिकांश लड़कियां दूसरे राज्यों से लाई गई थीं।
छह थानों की पुलिस ने एक साथ बोला धावा
छापेमारी के लिए एक साथ छह थानों की पुलिस सदर एसडीओ संजीव कुमार, एसडीपीओ मुख्यालय हरीश सिंह के नेतृत्व में पहुंची थी। रेड लाइट एरिया में अफरा-तफरी मच गई, इस बीच कई दलाल भागने में सफल रहे।
लगभग तीन घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने कई कमरों की गहन तलाशी ली। रेस्क्यू फाउंडेशन के जांच पदाधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ नाबालिग लड़कियों से जबरन देह व्यापार कराया जा रहा है।
सूचना से पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार को अवगत कराया गया और तत्काल छापेमारी की रणनीति बनाई गई। सभी बरामद बच्चियों को सुरक्षित स्थान पर भेजकर उनकी काउंसलिंग और मेडिकल जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बिहार के बाहर की हैं लड़कियां
एसपी ने कहा कि नाबालिगों के शोषण से जुड़े किसी भी नेटवर्क को बख्शा नहीं जाएगा और ऐसी कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी। रेड लाइट एरिया में डांस पार्टियों की आड़ में देह व्यापार का अवैध धंधा नहीं चलेगा।
यह 'नया सवेरा' अभियान का हिस्सा है, जो मानव तस्करी और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए शुरू किया गया है। मुक्त कराई गई नाबालिग लड़कियों को तत्काल बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया गया है।
समिति द्वारा इन लड़कियों की काउंसलिंग की जाएगी और उनके स्वजन से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा जाएगी। एसपी मनीष कुमार ने कहा कि लड़कियों से विस्तृत जानकारी एकत्र की जा रही है, जिसमें उनके अपहरण या लाने का तरीका भी शामिल है।

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