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    Bihar Politics: हिरासत में माले विधायक महानंद सिंह, 2001 के सड़क जाम केस में हुई कार्रवाई

    जहानाबाद की अदालत ने 2001 के सड़क जाम मामले में अरवल के माले विधायक महानंद सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने विधायक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है जिसके बाद उन्हें मंडल कारा जहानाबाद भेज दिया गया। हिरासत में भेजने से पहले विधायक की सदर अस्पताल में कोविड जांच भी कराई गई।

    By dheeraj kumar Edited By: Krishna Parihar Updated: Mon, 04 Aug 2025 04:14 PM (IST)
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    सड़क जाम केस में हिरासत में माले विधायक महानंद सिंह

    जागरण संवाददाता, जहानाबाद। सड़क जाम के 24 साल पुराने एक केस में जहानाबाद व्यवहार न्यायालय ने सोमवार को अरवल के माले विधायक महानंद सिंह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जहानाबाद सदर थाने में महानंद सिंह पर केस संख्या 67/2001 दर्ज हुआ था, जिसमें एक बार जमानत लेने के बाद विधायक न्यायालय में कभी उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने विधायक को भगोड़ा घोषित कर दिया था।

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    सोमवार को विधायक आत्मसमर्पण कर जमानत लेने आए थे। जहानाबाद अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी अनीश कुमार की अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए विधायक को कुछ दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट के आदेश पर विधायक को मंडल कारा जहानाबाद भेज दिया गया।

    इससे पूर्व सदर अस्पताल में विधायक की कोविड जांच की गई। विधायक के जेल जाने की सूचना से जहानाबाद से लेकर अरवल तक माले कार्यकर्ताओं व उनके समर्थकों में मायूसी छा गई।

    क्या था पूरा मामला?

    वर्ष 2001 में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की झारखंड में गिरफ्तारी हुई थी, जिसके विरोध में सात मार्च 2001 को जहानाबाद में माले नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम किया था, जिसका नेतृत्व महानंद सिंह ने किया था। उस वक्त महानंद सिंह पार्टी के सचिव थे।

    हवलदार शशिकांत पांडे के बयान पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज हुआ था, जिसमें महानंद सिंह समेत दो लोगों को नामजद किया गया था। मामले में उस वक्त जमानत लेने के बाद महानंद सिंह कोर्ट में कभी उपस्थित नहीं हो सके। कोर्ट में उपस्थित होने के लिए अलग-अलग तिथियाें में समन, जमानती वारंट, गैर जमानती वारंट व कुर्की की कार्रवाई भी की गई थी।

    इसके बाद भी न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होने पर वर्ष 2022 में न्यायालय ने महानंद सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया था। कानून की नजर में फरार चल रहे थे। सोमवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जमानत लेने आए थे, जहां से सीधे जेल भेज दिया गया।

    पटना जिले के पालीगंज प्रखंड के खीरीमोड़ थाना क्षेत्र के कौरी गांव निवासी महानंद सिंह अरवल विधानसभा से वर्ष 2020 में विधायक चुने गए हैं। भाजपा प्रत्याशी दीपक कुमार शर्मा को हराकर महानंद ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2015 के चुनाव में भाजपा के चितरंजन शर्मा चुनाव जीते थे। महानंद की गिनती भाकपा माले के कद्दावर नेता के रूप में होती है। वे लंबे समय से पार्टी से जुड़े हैं। विधायक बनने से पहले अरवल के जिला सचिव थे।