Bihar First Expressway: 2026 में पूरा होगा बिहार के पहले एक्सप्रेस-वे का काम, तेजी से हो रहा आमस-दरभंगा NH-119D का निर्माण
जहानाबाद से गुजरने वाला आमस-दरभंगा एनएच-119डी एक्सप्रेसवे 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। 189 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे बिहार के उत्तर और दक्षिण को जोड़ेगा। जहानाबाद जिले में 38 किलोमीटर का निर्माण 30% पूरा हो चुका है। इसके बनने से किसानों को बड़ा बाजार मिलेगा और जमीन की कीमतें भी बढ़ रही हैं।

जागरण संवाददाता, जहानाबाद। जहानाबाद से होकर गुजरा बिहार का पहला एक्सप्रेस वे (एक्सेस कंट्रोल्ड नेशनल हाईवे) आमस-दरभंगा एनएच-119डी का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे गयाजी जिले के आमस से शुरू होकर दरभंगा तक जाएगी, जिसकी कुल लंबाई 189 किलोमीटर होगी। यह बिहार के उत्तर और दक्षिण भागों को जोड़ेगा।
एनएचएआई द्वारा इसके पूरा होने की अनुमानित तिथि वर्ष 2026 बताई गई है। एनएचएआई गयाजी के पीआईयू के अनुसार जहानाबाद जिले में एक्सप्रेस वे की लंबाई 38 किलोमीटर होगी, 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। अभी बरसात के कारण निर्माण कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ है।
बरसात बाद इसमें तेजी आएगी, अगले वर्ष 2026 तक एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा करने की कोशिश होगी। यह एक्सप्रेसवे जिले के मखदुमपुर, घोसी, काको और मोदनगंज प्रखंडों से होकर गुजरेगा। 38 किलोमीटर एक्सप्रेसवे में पांच से दस जगहों पर अंडरपास का निर्माण कर प्रभावित गांवों को कनेक्ट किया जाएगा।
सड़क की चौड़ाई करीब 60 मीटर और ऊंचाई पांच मीटर होगी। जानवराें को सड़क पर आने से रोकने के लिए दोनों किनारे में बेरिकेटिंग की जाएगी। इस सड़क पर वाहन की गति 100 किमी प्रति घंटा होगी। एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए मखदुमपुर के 13, मोदनगंज के 12 और घोसी प्रखंड के तीन गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। मिट्टी भराई कार्य सभी इलाके में पहले पूरा हो गया है।
आसमान छूने लगी जमीन की कीमतें
जिले में एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू होने से इलाके में जमीन की कीमत आसमान छूने लगी है। मखदुमपुर प्रखंड के महेवा गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि कुछ साल पहले 40 हजार रुपए कट्ठा गांव के बधार में जमीन खरीदी थी। उसी जमीन के बगल से एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू हो गया है।
जमीन की खरीद के लिए हमेशा ग्राहक आ रहे हैं, चार लाख रुपये कट्ठा देने को तैयार हैं।
सूपी निवासी राजेश कुमार बताते हैं कि जमीन पहले खेती किसानी के लिए थी, एक्सप्रेस वे निर्माण प्रारंभ होने से व्यवसायिक होने की संभावना बढ़ गई है। रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। उत्तर बिहार को दक्षिण से जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस वे किसानों को बड़ी मंडी भी प्रदान करेगा। अब तक इलाके के किसान अपने उत्पाद को पटना तक ही पहुंचा पाते हैं।
एक्सप्रेस वे निर्माण के बाद दरभंगा तक उत्पाद आसानी से पहुंच जाएगा। व्यापक मंडी मिलने से किसानों को अधिक लाभ होगा।
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