गांधी स्मारक इंटर स्कूल का है 100 साल पुराना इतिहास
स्थानीय गांधी स्मारक इंटर विद्यालय का 100 साल का पुराना इतिहास रहा है।
जहानाबाद। स्थानीय गांधी स्मारक इंटर विद्यालय का 100 साल का पुराना इतिहास रहा है। 28 नवम्बर 1916 को पुराने गया जिले के जहानाबाद स्थित दरधा नदी के पावन तट पर अंग्रेज अफसर सर सैमुअल वीटी ने इस विद्यालय की स्थापना की थी। यही कारण है कि प्रारंभ में इस स्कूल का नाम वीटी हाई स्कूल रखा गया था। यह जहानाबाद का सबसे पुराना और मगध प्रमंडल का चौथा स्कूल था। टेकारी महाराजा कैप्टन गोपाल शरण ¨सह ने विद्यालय के लिए दान में जमीन दी थी तो ¨पजौरा के जमींदार महबूब आलम के पैसे
से भवन निर्माण का कार्य हुआ था। विद्यालय के शिलापट्ट में यह बात अब भी अंकित है। अली असगर को इस विद्यालय का पहला प्रधानाध्यापक बनने का गौरव प्राप्त हुआ था। जिस समय इस विद्यालय की स्थापना की गई थी उस समय इस जिले में न तो कोई महाविद्यालय था और नहीं हाई स्कूल ही था। मसलन माध्यमिक स्तर के शैक्षणिक संस्था के रूप में यह पहला विद्यालय था। वर्ष 1952 में अयोध्या प्रसाद यहां के प्रधानाध्यापक बने। उन्हें दो विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त थी। उस जमाने में उनके द्वारा लिखी गई ग्रामर की पुस्तक छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थी। बीबीसी संवाददाता रत्नाकर भारती ने शिक्षा के संदर्भ में उनका साक्षात्कार लिया था जो शाम सात बजे प्रसारित होता था। मुंद्रिका प्रसाद ¨सह तथा कामेश्वर प्रसाद ¨सह ने भी प्राचार्य के रूप में विद्यालय के विकास के लिए काफी परिश्रम किया। आज यहां के प्राचार्य डॉ. सुनिता कुमारी को शताब्दी समारोह मनाने का गौरव प्राप्त हुआ।
कई मायने में ऐतिहासिक रहा है वर्ष 1916
वर्ष 1916 कई मायने में ऐतिहासिक रहा है। पटना विश्वविद्यालय की स्थापना 1916 में हुई थी। इसी प्रकार पटना उच्च न्यायालय के साथ ही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना भी 1916 में हुई थी। हिन्दी के सुप्रसिद्ध विद्वान जानकी बल्लभ शास्त्री तथा पंडित दिनदायाल उपाध्याय का जन्म भी 1916 में हुआ था। इस साल इनका शताब्दी समारोह का आयोजन भी हो रहा है। बाबा साहब भीम राव अम्बेदकर की भी 125वी जयंती मनाई जा रही है। वर्ष 1916 में लखनउ पैक्ट जिसे गांधी इरबिन समझौता के नाम से प्रसिद्ध रहा है।
हालांकि विद्यालय का नाम महात्मा गांधी के नाम पर किया गया। शहर के दो अंगीभूत स्वामी सहजानंद महाविद्यालय तथा सत्येन्द्र नारायण सिन्हा महाविद्यालय का श्रीगणेश इसी विद्यालय से हुआ था।
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