गोपालगंज में बैंकों की सुस्ती से टूट रहा अपने घर का सपना, नहीं मिल रहा आसानी से लोन
आंकड़े गवाह हैं कि बैंकों की सुस्ती के कारण लोगों की उम्मीदें टूट रही हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन माह के आंकड़े इस बात की गवाही देने के लिए काफी हैं। इस अवधि में मात्र सात प्रतिशत लोगों को ही घर बनाने के लिए ऋण प्राप्त हो सका है।

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। हरेक व्यक्ति का सपना होता है कि उनका अपना घर हो। इसके लिए सरकारी स्तर पर कई योजनाएं संचालित हैं। इन्हीं योजनाओं में शामिल है होम लोन की योजना। इस योजना के तहत लोग बैंक से ऋण प्राप्त कर अपने घर का निर्माण करते हैं, लेकिन यहां अपने घर का सपना बैंकों तक पहुंचते-पहुंचते टूट जाता है। आंकड़े गवाह हैं कि बैंकों की सुस्ती के कारण लोगों की उम्मीदें टूट रही हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन माह के आंकड़े इस बात की गवाही देने के लिए काफी हैं। इस अवधि में मात्र सात प्रतिशत लोगों को ही घर बनाने के लिए ऋण प्राप्त हो सका है।
आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन साल में किसी भी वर्ष होम लोन के लक्ष्य को शत प्रतिशत प्राप्त नहीं किया जा सका है। इस स्थिति के लिए बैंकों की लापरवाही काफी हद तक जिम्मेदार है। प्रशासनिक स्तर पर दबाव के बाद भी बैंक होम लोन देने में लगातार लापरवाही बरतते रहे हैं। यही कारण है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी अबतक लक्ष्य के विरुद्ध महज सात प्रतिशत लोगों को ही होम लोन प्राप्त हो सका है।
हद तो यह कि भारतीय स्टेट बैंक जैसे बड़े बैंकों ने भी होम लोन देने में लगातार सुस्ती बरती है। इस बैंक के आंकड़े बताते हैं कि इस साल लक्ष्य के विरुद्ध स्टेट बैंक ने मात्र 11 लोगों को ही होम लोन दिया है। अन्य बैंकों की दशा भी कमोबेश एक जैसी ही है। ऐसे में होम लोन के बहाने अपना घर बनाने वाले लोगों की परेशानी घटने के बजाय बढ़ती जा रही है।
बैंकों के होम लोन का लक्ष्य
बैंक का नाम | लक्ष्य | उपलब्धि |
स्टेट बैंक आफ इंडिया | 173 | 11 |
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया | 132 | 09 |
केनरा बैंक | 46 | 04 |
पीएनबी | 40 | 03 |
बैंक आफ बड़ौदा | 11 | 02 |
यूनियन बैंक | 11 | 01 |
बैंक आफ इंडिया | 48 | 04 |
ग्रामीण बैंक | 138 | 05 |
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