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    सोशल मीडिया पर आचार संहिता के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई, जिम्मेदारी से करें उपयोग

    By Niraj kumar singhEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Wed, 22 Oct 2025 04:56 PM (IST)

    चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी उपयोगकर्ताओं को जिम्मेदारी से सोशल मीडिया का उपयोग करने की सलाह दी गई है ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें। नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

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    सोशल मीडिया पर आचार संहिता के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग (भारत निर्वाचन आयोग) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आचार संहिता लागू होने के बाद पालन किए जाने वाले नियमों को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि राजनीतिक दल, उम्मीदवार, कार्यकर्ता या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर किसी भी तरह की भड़काऊ, असत्यापित या पक्षपाती सामग्री पोस्ट नहीं कर सकते। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समाचार, जानकारी या विज्ञापन साझा करते समय यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी सामग्री सत्यापित स्रोतों पर आधारित हो। चुनाव अवधि के दौरान किसी भी पार्टी या उम्मीदवार के समर्थन या विरोध में पोस्ट किए जाने वाले विज्ञापन को स्पष्ट रूप से स्पॉन्सर्ड या पेड कंटेंट के रूप में चिन्हित करना अनिवार्य है। 

    मतदाताओं को भ्रमित करने वाली पोस्ट पूरी तरह प्रतिबंधित

    आयोग ने कहा है कि पेड विज्ञापन या प्रचार सामग्री में विज्ञापनदाता और भुगतानकर्ता का पूरा विवरण देना आवश्यक होगा। कोई भी फर्जी समाचार, अफवाह या मतदाताओं को भ्रमित करने वाली पोस्ट पूरी तरह प्रतिबंधित है। 

    इसके साथ ही सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की धमकी, डराने या लालच देने वाली पोस्ट, वोटिंग के समय किसी उम्मीदवार के पक्ष या विपक्ष में अनुचित प्रचार या व्यक्तिगत अकाउंट से भ्रामक सामग्री साझा करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।

    इंटरनेट मीडिया की सतत निगरानी

    चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि किसी सामग्री को हटाने या ब्लॉक करने का आदेश जारी किया जाता है, तो संबंधित प्लेटफॉर्म और व्यक्ति को उसका तत्काल अनुपालन करना अनिवार्य होगा। किसी भी उल्लंघन की जानकारी मतदाता या नागरिक सीधे भारत निर्वाचन आयोग की विशेष मॉनिटरिंग सेल या मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति ( मीडिया एवं निगरानी प्रकोष्ठ ) को शिकायत के माध्यम से दे सकते हैं। 

    आयोग ने जनता से अपील की है कि चुनावी माहौल में सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी और सत्यता के साथ करें, ताकि लोकतंत्र की निष्पक्षता बनी रहे। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं नोडल पदाधिकारी (मीडिया/एमसीएमसी कोषांग) ने बताया कि जिले में इंटरनेट मीडिया की सतत निगरानी की जा रही है। 

    किसी भी शिकायत पर दोषियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी, सत्यता और शालीनता के साथ करें, ताकि चुनाव की निष्पक्षता और लोकतांत्रिक गरिमा बनी रहे।