Gopalganj News: नाबालिग बच्चियों पर हैवानों की नजर, गोपालगंज में 40 प्रतिशत अपहरण के मामले
गोपालगंज जिले में नाबालिग लड़कियों के अपहरण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जो चिंता का विषय है। विशेषज्ञ बताते हैं कि औसतन हर महीने 10 से 12 मामले दर्ज होते हैं। वर्ष 2019 से 2024 तक इन मामलों में 40% की वृद्धि हुई है। अपहरण के अधिकांश मामले प्रेम प्रसंग या शादी की नीयत से जुड़े होते हैं।
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। जिले में नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं। हाल के वर्षों में इन मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि हर महीने औसतन 10 से 12 नाबालिग लड़कियों के अपहरण के मामले दर्ज किए जाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नाबालिग उम्र में लड़कियों की समझ परिपक्व नहीं होती। ऐसे में 20 से 25 वर्ष के युवक उन्हें बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाते हैं। खासकर कोचिंग, स्कूल या शौच के लिए घर से निकलने वाली लड़कियां अक्सर इस तरह के मामलों का शिकार बनती हैं।
वर्ष 2019 में 103 लड़कियों के अपहरण का मामला प्रतिवेदित हुआ, 2024 में यह आंकड़ा 142 तक पहुंच गया। यानी, पांच वर्षों में ऐसे मामलों में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इनमें अधिकांश मामले शादी की नीयत से किए गए अपहरण से संबंधित हैं।
आज से कोई एक दशक पूर्व तक अपहरण के जो मामले सामने आते थे, उनमें अधिकांश अपराधियों द्वारा अंजाम दिए गए मामले होते थे। धीरे-धीरे लड़कियों के अपहरण के मामले सामने आने लगे। प्रत्येक साल इन आंकड़ों में बढ़ोतरी होती गई।
अब स्थिति यह है कि प्रत्येक साल औसतन 130 से 140 नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाएं प्रतिवेदित हो रही हैं। इसके अलावा भी नाबालिग लड़कियों के अपहरण की कई वारदातें होती हैं, लेकिन सामाजिक लोक लज्जा के डर से कई मामले थाने या अदालत तक नहीं पहुंच पाते हैं।
हाल के पांच साल के आंकड़े बताते हैं कि नाबालिग लड़कियों के अपहरण के मामले शहरी इलाकों की तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी बढ़े हैं। गांवों में घर से शौच को निकलते वक्त नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाएं अधिकांश रूप से सामने आती हैं। नाबालिग लड़कियों के अपहरण को लेकर दर्ज होने वाले अधिकांश मामले प्रेम-प्रसंग के ही होते हैं।
पांच साल में 40 प्रतिशत तक बढ़े मामले
नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाएं पिछले पांच साल में यह घटना 40 प्रतिशत तक बढ़ी है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 में जिले में 103 लड़कियों की शादी की नीयत से अपहरण हुआ था। 2024 में यह आंकड़ा बढ़ कर 142 पर पहुंच गया। वर्ष 2025 के शुरुआती सात माह में 72 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
केसों का बढ़ता जा रहा बोझ
लड़कियों के अपहरण की घटनाओं में से अधिकांश में दोनों पक्षों के बीच बाद में समझौता ही होता है। आंकड़े बताते हैं कि पहले तो पीड़ित पक्ष की ओर से थानों में अपहरण का केस दर्ज किया जाता है। बाद में लड़की के बरामद होने के बाद करीब आधे से अधिक मामलों में दोनों पक्षों में समझौता हो जाता है।ऐसे में अपहरण के केसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
समाज का यह ट्रेंड काफी खतरनाक है। परिवेश, रहन सहन, मोबाइल का उपयोग भी इसका एक बड़ा कारण है। इसके लिए लड़कियों को अच्छी शिक्षा व अच्छा परिवेश देना जरूरी है। पुलिस को भी इस मामले में सख्ती दिखानी होगी। ताकि इस तरह की घटनाएं रुक सकें।- मदन मोहन शास्त्री, समाज शास्त्री
अधिकांश में आरोपितों की औसत उम्र 20 से 25 वर्ष
जिले में इस साल दर्ज हुई नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश मामलों में आरोपितों की औसत उम्र 20 से 25 वर्ष है। आरोपित कम उम्र की अवयस्क लड़कियों को आसानी से अपने झांसे में ले लेते हैं।
नाबालिग लड़कियों के अपहरण के आंकड़े
माह - अपहरण
जनवरी 12
फरवरी 10
मार्च 11
अप्रैल 12
मई 08
जून 09
जुलाई 10
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