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    Bihar News: गोपालगंज में डरा रहे ये आंकड़े, नहीं थम रही किशोरियों के अपहरण की घटना; पुलिस परेशान

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 03:23 PM (IST)

    गोपालगंज में किशोरियों के अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। हर महीने औसतन 10-12 मामले दर्ज होते हैं जिनमें कई प्रेम-प्रसंग से जुड़े होते हैं। वर्ष 2025 के शुरुआती छह महीनों में 65 अपहरण हुए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मामले बढ़े हैं पर सामाजिक शर्म के कारण कई मामले दर्ज नहीं होते। अधिकांश मामलों में समझौता हो जाता है जिससे पुलिस पर केसों का बोझ बढ़ रहा है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    मिथिलेश तिवारी, गोपालगंज। घर से कोचिंग और स्कूल कॉलेज में पढ़ने के लिए निकलने वाली किशोरियों के अपहरण की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।

    थानों से लेकर कोर्ट तक में दर्ज होने वाले आपराधिक घटनाओं में किशोरियों के अपहरण के मामले कहीं से भी कम नजर नहीं आ रहे हैं।

    आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक माह औसतन 10 से 12 मामले नाबालिग लड़कियों के अपहरण की घटनाओं को लेकर होती हैं। यह बात अलग है कि किशोरियों के अपहरण के अधिकांश दर्ज मामले बाद में प्रेम-प्रसंग के निकल जाते हैं।

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    पुलिस भी लगातार बढ़ती इस तरह की घटनाओं को लेकर परेशान है। वर्ष 2025 के शुरुआती छह माह में 65 किशोरियों के अपहरण की घटना हुई है। 

    प्रत्येक वर्ष प्रतिवेदित हो रहीं सौ से अधिक घटनाएं

    आज से कोई एक दशक पूर्व तक अपहरण के जो मामले सामने आते थे, उनमें अधिकांश अपराधियों द्वारा अंजाम दिए गए मामले होते थे। धीरे-धीरे लड़कियों के अपहरण के मामले सामने आने लगे। प्रत्येक साल इन आंकड़ों में बढ़ोतरी होती गई।

    अब स्थिति यह है कि प्रत्येक साल औसतन 100 से 120 किशोरियों के अपहरण की घटनाएं प्रतिवेदित हो रही हैं। इसके अलावा भी किशोरियों के अपहरण की कई वारदातें होती हैं, लेकिन सामाजिक लोक लज्जा के डर से कई मामले थाने या न्यायालय तक नहीं पहुंच पाते हैं।

    ग्रामीण क्षेत्र में भी बढ़ी घटनाएं

    हाल के पांच साल के आंकड़े बताते हैं कि किशोरियों के अपहरण के मामले शहरी इलाकों की तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी बढ़े हैं। गांवों में घर से शौच को निकलते वक्त किशोरियों के अपहरण की घटनाएं अधिकांश रूप से सामने आती हैं।

    किशोरियों के अपहरण को लेकर दर्ज होने वाले अधिकांश मामले प्रेम-प्रसंग के ही होते हैं। बरामदगी के बाद जब इन्हें कोर्ट में बयान के लिए प्रस्तुत किया जाता है, तो किशोरियां प्रेम-प्रसंग की बात को स्वीकार कर लेती हैं।

    केसों का बढ़ता जा रहा बोझ

    लड़कियों के अपहरण की घटनाओं में से अधिकांश में दोनों पक्षों के बीच बाद में समझौता ही होता है। न्यायालय के आंकड़े बताते हैं कि पहले तो पीड़ित पक्ष की ओर से थानों में अपहरण का केस दर्ज किया जाता है।

    बाद में लड़की के बरामद होने के बाद करीब आधे से अधिक मामलों में दोनों पक्षों में समझौता हो जाता है। ऐसे में पुलिस के पास किशोरियों के अपहरण के केसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

    किशोरियों के अपहरण के आंकड़े

    माह - अपहरण

    जनवरी - 11

    फरवरी - 10

    मार्च - 11

    अप्रैल - 12

    मई - 10

    जून - 11

    (नोट : ये आंकड़े थाना व परिवाद पत्र को मिलाकर हैं।)