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    गोपालगंज में तैयारियां प्रारंभ, सावन महीने में हर-हर महादेव से गूंजेंगे शिवालय

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 01:14 PM (IST)

    शुक्रवार से प्रारंभ हो रहे सावन महीने की शुरुआत को देखते हुए तमाम शिवालयों में तैयारियां तेज कर दी गई है।सावन महीने की शुरुआत को देखते हुए मंदिरों को सजाने संवारने का काम तेज कर दिया गया है। इस वर्ष सावन का महीना पूरे 30 दिनों का होगा।सावन महीने में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना का अलग महत्व है।

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    तैयारियां प्रारंभ, सावन महीने में हर-हर महादेव से गूंजेंगे शिवालय

    संवाददाता, गोपालगंज। शुक्रवार से प्रारंभ हो रहे सावन महीने की शुरुआत को देखते हुए तमाम शिवालयों में तैयारियां तेज कर दी गई है। सावन महीने के पहले दिन से ही तमाम शिव मंदिरों में जलाभिषेक को भक्तों की भीड़ जमा होगी। सावन महीने की शुरुआत को देखते हुए मंदिरों को सजाने संवारने का काम तेज कर दिया गया है। इस वर्ष सावन का महीना पूरे 30 दिनों का होगा।

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    सावन महीने में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना का अलग महत्व है। इस दौरान प्रत्येक दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ जमा होती है। इस साल 11 जुलाई को पवित्र सावन माह का पहला दिन होने के कारण शहर के तमाम शिव मंदिरों के साथ ही दूर-दराज के मंदिरों में भी पूजा अर्चना के साथ ही मंदिरों की साफ-सफाई का कार्य तेज कर दिया गया है। शहर के सिनेमा रोड स्थित शिव मंदिर की सफाई का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है।

    इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी मंदिरों को सजाने व संवारने का सिलसिला चल रहा है। सावन माह को देखते हुए भक्तों का दल भी जिले के कई इलाकों से देवघर में जलाभिषेक को रवाना हो रहा है। प्रशासनिक स्तर पर सावन महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने को देखते हुए तमाम थानों को चौकस रहने का आदेश जारी किया है। ताकि पूजा अर्चना के दौरान किसी भी तरह की समस्या न हो।

    सावन महीने में पड़ेंगे चार सोमवार

    इस साल सावन माह में चार सोमवार पड़ेंगे। इसमें पहली सोमवारी 14 जुलाई, दूसरी सोमवारी 21 जुलाई, तीसरी सोमवारी 28 जुलाई और चौथी व अंतिम सोमवारी 04 अगस्त को पड़ेगी। सोमवारी पूजन को लेकर जिले के शहरी व ग्रामीण इलाके में स्थित शिव मंदिरों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ेगा।

    बउरहवा धाम में पांडवों के साथ जलाभिषेक को आते थे गुरु द्रोणाचार्य

    सावन महीने को देखते हुए हथुआ के प्रसिद्ध बउरहवा शिवमंदिर में जलाभिषेक करने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुक्रवार से प्रारंभ होगा। जिले के विभिन्न हिस्सों के अलावा पड़ोसी जिला सिवान से लेकर सीमावर्ती उत्तर प्रदेश से कांवरिया बउरहवा शिवमंदिर में जलाभिषेक करने को पहुंचते हैं।

    स्थानीय लोग बताते हैं कि महाभारत काल से जुड़े इस प्रसिद्ध शिवमंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर जलाभिषेक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हथुआ से आधा किलोमीटर पश्चिम मछागर पंचायत में स्थित बउरहवा शिवालय आज भी श्रद्धालुओं के लिए अपना विशेष स्थान रखता है।

    इस मंदिर का इतिहास गुरु द्रोणाचार्य से जुड़ा है। किंवदंती के अनुसार, द्वापर युग में गुरु द्रोणाचार्य सिवान के दरौली के दोन आश्रम में अपने पांडव शिष्यों के साथ रहते थे। दरौली के दोन आश्रम से गुरु द्रोणाचार्य पांडवों के साथ प्रत्येक सोमवार को बउरहवा मंदिर आकर जलाभिषेक करते थे।

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