बिहार के इस अस्पताल में अंधेरे में होता है मरीजों का उपचार, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
गोपालगंज के एक अस्पताल में जनरेटर का कनेक्शन नहीं होने के कारण मरीजों का उपचार अंधेरे में किया जा रहा है। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड ...और पढ़ें

अंधेरे में हो रहा इलाज। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। सदर अस्पताल परिसर में बने मॉडल अस्पताल भवन की बदहाली स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर पोल खोल रही है। इस आधुनिक कहे जाने वाले भवन में इमरजेंसी वार्ड, महिला वार्ड, टीकाकरण केंद्र, ब्लड बैंक समेत कई महत्वपूर्ण विभाग संचालित हो रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक इस भवन में जनरेटर का कनेक्शन नहीं किया गया है। नतीजतन बिजली कटते ही पूरा भवन अंधेरे में डूब जाता है और मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बिजली गुल होने की स्थिति में भर्ती मरीज अंधेरे में रहने को मजबूर हो जाते हैं। चिकित्सकों व नर्सिंग स्टॉफ को भी मोबाइल टार्च या वैकल्पिक साधनों के सहारे उपचार करना पड़ता है। जो किसी भी स्थिति में सुरक्षित नहीं कहा जा सकता।
विशेष रूप से इमरजेंसी और महिला वार्ड में यह स्थिति मरीजों की जान के लिए खतरा बन सकती है। ब्लड बैंक और टीकाकरण केंद्र जैसे संवेदनशील विभागों में बिजली आपूर्ति बाधित होने से कार्य प्रभावित होता है।
शनिवार की रात भी करीब एक घंटे तक बिजली कटने के कारण मॉडल अस्पताल भवन में अंधेरा पसरा रहा। इस दौरान मरीजों और उनके स्वजन में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। कई मरीजों ने बताया कि अंधेरे के कारण न तो ठीक से दवा दी जा सकी और न ही चिकित्सकीय जांच हो पाई।
स्वजन ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब अस्पताल को मॉडल भवन का दर्जा दिया गया है तो बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी क्यों की जा रही है। जनरेटर की व्यवस्था न होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है।
मरीजों की जान से इस तरह खिलवाड़ किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या को कितनी गंभीरता से लेते हैं और कब तक मॉडल अस्पताल भवन में जनरेटर कनेक्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। अस्पताल प्रबंधक जान मोहम्मद ने बताया कि जनरेटर के कनेक्शन का प्रबंध किया जा रहा है। जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी।

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