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    जान हथेली पर लेकर ऑटो से यात्रा करते हैं लोग, ठूंस-ठूंस कर भरी जाती है सवारी

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 11:37 AM (IST)

    गोपालगंज में सड़क सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है। जर्जर वाहन और ओवरलोडिंग आम बात है जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। ऑटो में क्षमता से अधिक यात्री भरे जा रहे हैं और यातायात विभाग इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। बीत दिनों एक हादसे की भी खबर सामने आई थी।

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    आटो में ओवरलोडिंग से यात्रियों की जान पर बन रही आफत

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। जिले में सड़क सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त नजर आ रही है। शहर के कॉलेज रोड स्थित बस स्टैंड व राजेंद्र बस स्टैंड से रोजाना जर्जर हालत की बसें, जीप और ऑटो यात्रियों से खचाखच भरकर सड़कों पर दौड़ रही हैं।

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    हालात इतने बदतर हैं कि यातायात नियमों की पूरी तरह अनदेखी कर चालक अतिरिक्त कमाई के लिए क्षमता से कई गुना अधिक यात्रियों को सवार कर रहे हैं। एक आटो में यात्री के लिए पांच सीट ही है। दस से अधिक यात्री को ठूंस-ठूंस कर भरी जाती है, बल्कि चालक अपनी सीट पर भी दोनों तरफ से एक-एक यात्री को बैठा लेते हैं। यह खतरनाक प्रवृत्ति किसी भी समय बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।

    कॉलेज रोड स्थित बस स्टैंड से बरौली जाने वाले ऑटो भी यात्री सीट से अधिक बैठे हुए थे।ओवरलोड वाहनों के संचालन में यातायात थाना पुलिस व परिवहन विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। दोनों विभागों की निष्क्रियता के कारण चालक बिना किसी भय के नियम तोड़ते हुए यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।

    खास बात यह है कि यह अव्यवस्था शहर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर भी ओवरलोड वाहन बेखौफ दौड़ते देखे जा सकते हैं। बीते 31 अगस्त को महम्मदपुर थाना क्षेत्र के महम्मदपुर मोड़ पर ओवरलोड ऑटो पलट जाने से एक दर्जन लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इस हादसे ने जिले में यातायात व्यवस्था की पोल खोल दी थी।

    हादसे के बाद यह उम्मीद थी कि प्रशासन सख्ती बरतेगा, लेकिन अब तक न तो चेकिंग अभियान शुरू किया गया और न ही ओवरलोडिंग पर रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।

    लोगों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही जारी रही तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। शहर की सड़कों पर दौड़ रही इन जर्जर और ओवरलोड गाड़ियों से न केवल यात्रियों की जान खतरे में है बल्कि आमजन का भी सड़क पर निकलना असुरक्षित हो गया है।

    सवाल यह है कि आखिर जिम्मेदार विभाग मौन क्यों हैं? परिवहन विभाग और पुलिस की यह खामोशी सीधे तौर पर हादसों को न्योता दे रही है। यदि समय रहते प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

    नियमित होती है जांच

    डीएसपी यातायात डीएसपी मिश्रा सोमेश ने बताया कि नियमित रूप से ओवरलोड यात्री वाहनों की जांच की जाती है। इस तरह का कुछ दिखने पर कार्रवाई भी की जाती है।

    औरंगाबाद में भी यात्रियों की जान खिलवाड़

    जिले में सड़कों पर दौड़ रहे टेंपो चालकों की लापरवाही लगातार जानलेवा साबित हो रही है। केवल पिछले एक माह में टेंपो की टक्कर और दुर्घटनाओं से करीब छह लोगों की मौत हो चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इन घटनाओं में चालकों की लापरवाही और यातायात नियमों की अवहेलना कारण मानी जा रही है।

    सड़क दुर्घटना में हो रही मौत की घटना की प्राथमिकी यातायात थाना में कराई जा रही है। यातायात पुलिस की जांच में मामला सामने आया है कि कई चालक बिना ड्राइविंग लाइसेंस के टेंपो चला रहे हैं। वहीं क्षमता से अधिक यात्रियों को ठूंस कर टेंपो को हाईवे से लेकर ग्रामीण सड़कों पर दौड़ाया जाता है

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