Bihar Politics: गोपालगंज जिले में एनडीए को मिली राहत, बागी विधायकों ने नामांकन लिया वापस
गोपालगंज जिले में, एनडीए को बड़ी राहत मिली है क्योंकि बरौली से भाजपा विधायक रामप्रवेश राय और सदर से पूर्व विधायक कुसुम देवी के पुत्र अनिकेत सिंह ने निर्दलीय नामांकन वापस ले लिया। गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद यह फैसला हुआ। जन सुराज के उम्मीदवार ने भी नाम वापस लिया, जिससे बरौली और सदर सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा।

गोपालगंज जिले में एनडीए को मिली राहत, बागी विधायकों ने नामांकन लिया वापस
रजत कुमार, गोपालगंज। जिले की राजनीति में मचे सियासी घमासान के बीच सोमवार को एनडीए के लिए बड़ी राहत की खबर आई। बरौली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रामप्रवेश राय व सदर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक कुसुम देवी के पुत्र अनिकेत सिंह ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया।
दोनों नेताओं ने टिकट कटने के बाद बगावत का बिगुल फूंकते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का एलान किया था, लेकिन पार्टी नेतृत्व व पटना आए गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद सोमवार को दोनों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। वहीं, जन सुराज के उम्मीदवार ने उम्र अधिक होने का हवाला देते हुए नामांकन पत्र वापस ले लिया।
जानकारी के अनुसार, बरौली सीट से भाजपा विधायक रहे रामप्रवेश राय ने टिकट कटने पर नाराजगी जताई थी व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। इसी तरह सदर विधानसभा सीट से विधायक कुसुम देवी का टिकट काटे जाने के बाद उनके पुत्र अनिकेत सिंह ने भी प्रेस वार्ता कर भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधते हुए स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी।
दोनों नेताओं के मैदान में उतरने से एनडीए प्रत्याशियों की राह कठिन होती दिख रही थी। हालांकि, पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने लगातार दोनों नेताओं से संवाद बनाए रखा। गृह मंत्री अमित शाह के भरोसे व संगठन के समझाने-बुझाने के बाद दोनों ने सोमवार को नामांकन वापसी का निर्णय लिया। इससे एनडीए खेमे में राहत की लहर दौड़ गई है। अब जिले की दो प्रमुख सीटों बरौली व सदर पर एनडीए व महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला तय माना जा रहा है।
वहीं, सदर विधानसभा सीट से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार डॉ. शशि शेखर सिन्हा ने भी उम्र संबंधी कारणों का हवाला देते हुए अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। उनके हटने से मुकाबला व अधिक दिलचस्प हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बागियों की वापसी से एनडीए को संगठनात्मक मजबूती मिलेगी व चुनावी समीकरण अब दो ध्रुवों के बीच सिमटते नजर आ रहे हैं।
बसपा बढ़ा रही महागठबंधन की टेंशन
बरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके राजद के वरीय नेता रेयाजुल हक राजू का टिकट कटने के बाद उन्होंने बागी तेवर को अपनाते हुए बसपा से टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतर गए। चुनाव मैदान में उतरने के बाद उन्होंने बरौली विधानसभा सीट से राजद की टेंशन कुछ हद तक बढ़ा दी है।
वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी के समक्ष तेजस्वी यादव की मामी व पूर्व सांसद साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव ने बसपा से टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गई है। ऐसे में महागठबंधन के कोर वोटरों को तोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन के वोटर सरकार बनाने के लिए वोट करेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।