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    लालू यादव के इलाके में नल-जल योजना की बदहाली, दो साल से पानी को तरस रहे ग्रामीण

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 03:20 PM (IST)

    गोपालगंज के फुलवरिया प्रखंड स्थित गिद्धा पंचायत में नल-जल योजना विफल हो गई है जिससे वार्ड एक के निवासी पिछले दो वर्षों से पानी की किल्लत झेल रहे हैं। पाइपलाइन और नल लगाने के बावजूद जलापूर्ति बाधित है और शिकायत करने पर भी कोई समाधान नहीं हुआ। ग्रामीण अब हैंडपंप पर निर्भर हैं और शीघ्र कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

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    गिदहा में नल-जल योजना की लचर व्यवस्था से लोग परेशान

    संवाद सूत्र,फुलवरिया (गोपालगंज)। फुलवरिया प्रखंड की गिदहा पंचायत की वार्ड संख्या एक में नल-जल की अव्यवस्था से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। विगत दो वर्षों से लोग पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं।

    हैरत की बात यह है कि ना किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान जाता ना ही किसी अधिकारी का। योजना के तहत गांव में पाइपलाइन और नल लगाए गए थे, ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। कुछ ही महीने के भीतर ही नल-जल की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई।

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    नलों से पानी आना बंद

    वर्तमान हालात में नलों से पानी आना बंद हो गया है, जिससे ग्रामीणों को पीने के शुद्ध पानी के लिए भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जगह-जगह पानी की पाइप पर क्षतिग्रस्त टोंटी टूट चुकी है।

    ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या की सूचना कई बार पंचायत प्रतिनिधियों, संबंधित पदाधिकारियों और पीएचईडी को दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया है। इसके चलते लोगों को मजबूरी में हैंडपंप या अन्य स्रोतों से पानी पीना पड़ रहा है।

    शीघ्र समाधान की मांग

    ग्रामीणों ने बताया कि यह योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी, जिसका उद्देश्य हर घर तक नल का जल पहुंचाना था, लेकिन लापरवाही और तकनीकी खामियों के कारण इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

    गांव की पूनम देवी ,शोभा कुमारी, अंजली देवी ,हसमुद्दीन मियां, जुनैद खातून मनोरंजन दास बर्मन आदि लोगों का कहना है कि नल जल केवल प्रदर्शन के लिए लगाया गया है। लोगों ने से शीघ्र समाधान की मांग की है।

    उनका कहना है कि अगर समय रहते व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे। ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया कि जब करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा, तो यह योजना किसके लिए चलाई जा रही है।