प्रशासन के नाक के नीचे पोखरे पर कर लिया गया अतिक्रमण
इस पोखरे के किनारे छठ घाट भी बनाए हैं। लेकिन कटेया नगर के रेफरल अस्पताल के समीप स्थित धेबाही पोखरे की जमीन पर प्रशासन के नाम के नीचे अतिक्रमण करने का खेल चल रहा है।
गोपालगंज : इस पोखरे के किनारे छठ घाट भी बनाए हैं। लेकिन कटेया नगर के रेफरल अस्पताल के समीप स्थित धेबाही पोखरे की जमीन पर प्रशासन के नाम के नीचे अतिक्रमण करने का खेल चल रहा है। अतिक्रमण के कारण इस पोखरे का रकबा सिमटता जा रहा है। ऐसा तब है जबकि कुछ समय पहले तत्कालीन तत्कालीन अंचल पदाधिकारी कन्हैया लाल ने इस पोखरे पर किए गए अतिक्रमण को हटाया था। लेकिन इसके बाद फिर पोखेरे की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया। कुछ ऐसी ही स्थिति इस प्रखंड के अन्य जल निकायों की है। पोखरे, ताल तैलया पर अतिक्रमण के कारण इनका अस्तित्व मिटते जा रहा है। हालांकि अब प्रशासन ने जल निकायों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत जिन जल निकायों पर अतिक्रमण किया गया है, उन्हें चिन्हित कराया जा रहा है। लेकिन अमीन की कमी से अतिक्रमण के शिकार जल निकायों को चिन्हित करने का काम सुस्त गति से चल रहा है।
जल निकायों के मामले में कटेया प्रखंड काफी धनी है। इस प्रखंड में सरकारी फाइलों में कुल 435 सरकारी जल निकाय हैं। जिनमें से 408 जल निकायों की पहचान कर लिया गया है । इन 408 जल निकाय में 311 पोखरा, 21 गड्ढा, आठ खाड, 24 नाली, पांच पईन, एक नहर तथा दो सरकारी ताल हैं। कटेया नगर के रेफरल अस्पताल के समीप स्थित धोबाही पोखरे सहित अधिकांश जल निकाय अतिक्रमण के शिकार हैं। हालांकि अब अतिक्रमण की चपेट में आए जल निकायों को चिन्हित कर उन्हें अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अभियान प्रशासनिक स्तर पर शुरू किया है। इनमें से अंचल कार्यालय से चिन्हित छह जल निकायों पर अतिक्रमण करने वाले लोगों के विरुद्ध अतिक्रमण वाद चलाया जा रहा है। वहीं कटेया नगर में स्थित धोबाही पोखरे पर अतिक्रमण को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश कुमार राय ने बताया कि नगर पंचायत कार्यालय द्वारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ नोटिस निर्गत किया गया है। कटेया नगर में स्थित सभी तालाबों पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की दिशा में पहल की गई है। मलपुरा से लेकर कोटवा में अतिक्रमण की चपेट में हैं तालाब
गोपालगंज के कटेया प्रखंड में स्थिति सरकारी जल निकायों में से अधिकांश की जमीन पर अतिक्रमण कर लिए जाने से उनका अस्तित्व खतरे में हैं। मलपुरा से लेकर कोटवा स्थित प्रमुख तालाबों का हाल सरकारी आंकड़े ही बाते हैं। करकटहां मौजा में स्थित एक बीघा तीरन कट्ठा 13 धूर का तालाब, मलपुरा में एक एकड़ आठ डिसमिल रकबा में स्थित तालाब, कोटवा स्थित 16 कट्ठा तीन धूर रकबा के तालाब, अमेया में एक बीघा 12 कट्ठा 16 धुर में स्थित तालाब तथा धरहरा मेला में 97 डिसमिल रकबा में स्थित प्रमुख तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं। इन तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अतिक्रमण करने वालों पर अतिक्रमण वाद चल रहा है।
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कटेया अंचल में कुल लगभग 435 जल निकाय चिह्नित किए गए हैं। चिन्हित किए गए छह जल निकायों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ वाद चलाया जा रहा है। लेकिन अमीन की कमी से सरकारी जल निकायों की पहचान कर अतिक्रमण हटाने के लिए पैमाइश कराने में परेशानी हो रही है। अंचल कार्यालय उपलब्ध संसाधन के अनुसार जल निकाय को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए काम कर रहा है।
अफजल हुसैन, सीओ कटेया
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