इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत, अस्पताल में नहीं था कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर
गोपालगंज के बैकुंठपुर में एक निजी अस्पताल में डीएनसी प्रक्रिया के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है जिसके बाद हंगामा हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि बिना पंजीकरण और विशेषज्ञ चिकित्सकों के अस्पताल चल रहे हैं।

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। बैकुंठपुर प्रखंड के राजापट्टी कोठी बाजार स्थित जीवनदान हॉस्पिटल एवं सर्पदंश निवारण संस्थान में मंगलवार को इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो जाने से हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि डीएनसी प्रक्रिया के दौरान महिला की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।
मृतका की पहचान सारण जिले के पानापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिजौली गांव निवासी राजेश यादव की पत्नी 28 वर्षीय ममता देवी के रूप में हुई है। स्वजन ने बताया कि ममता चार माह की गर्भवती थी और पिछले कुछ दिनों से उसे पेट दर्द व ब्लीडिंग की शिकायत थी।
इलाज के नाम पर 20 हजार लिए
इलाज के लिए स्वजन उसे राजापट्टी स्थित जीवनदान हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। चिकित्सक ने जांच के बाद डीएनसी प्रक्रिया कराने की सलाह दी और कहा कि प्रक्रिया के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। चिकित्सक ने इलाज के नाम पर 20 हजार रुपये भी पीड़िता के स्वजन से लिए थे।
डीएनसी के दौरान महिला की हालत अचानक बिगड़ गई। स्वजन का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने स्थिति संभालने का कोई प्रयास नहीं किया, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) के कारण महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची
घटना के बाद स्वजन ने शव को नर्सिंग होम में रखकर जबरदस्त हंगामा और तोड़फोड़ करने लगे। सूचना मिलते ही बैकुंठपुर थाने की पुलिस और डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
पुलिस ने मृतिका के स्वजन का बयान दर्ज कर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस बीच, घटना के बाद अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ क्लिनिक छोड़कर फरार हो गए।
अस्पतालों की तत्काल जांच की मांग
स्थानीय लोगों का आरोप है कि क्षेत्र में कई निजी क्लीनिक बिना पंजीकरण और विशेषज्ञ चिकित्सकों के चल रहे हैं, जहां मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से ऐसे अस्पतालों की तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
थानाध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। स्वजन द्वारा आवेदन मिलने पर प्राथमिकी कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उधर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अवैध नर्सिंग होम पाए जाने पर विभागीय निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि अस्पताल में प्रसूति और गर्भपात से संबंधित कोई विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद नहीं था। फिलहाल, पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी हुई है और फरार चिकित्सकों की तलाश जारी है।
इस दर्दनाक घटना के बाद इलाके में आक्रोश और दहशत का माहौल है। लोग इसे चिकित्सा लापरवाही का गंभीर मामला बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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