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    गोपालगंज के सरकारी स्कूलों ने बदल दिया लोगों का नजरिया, शिक्षकों ने कैसे निभाई भूमिका?

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 10:43 AM (IST)

    गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड स्थित कर्णपुरा अहीर टोली प्राथमिक विद्यालय और मांझा मध्य विद्यालय आज अन्य सरकारी स्कूलों के लिए एक मिसाल बन गए हैं। शिक्षकों की दृढ़ इच्छाशक्ति ने इन विद्यालयों की दशा बदल दी है। रंग-बिरंगे फूल आधुनिक कक्षाएं सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली जैसी सुविधाओं ने इन स्कूलों को खास बना दिया है।

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    विद्यालय के शिक्षकों की दृढ़ इच्छाशक्ति ने विद्यालय की दशा बदल दी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। कहते हैं कि जब व्यक्ति में दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो उसके लिए सबकुछ संभव है। इसका उदाहरण मांझा प्रखंड का नवसृजित प्राथमिक विद्यालय कर्णपुरा अहीर टोली और मध्य विद्यालय मांझा है। कभी इन विद्यालयों की स्थिति भी आम सरकारी विद्यालयों जैसी थी।

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    इसी बीच विद्यालय के शिक्षकों की दृढ़ इच्छाशक्ति ने विद्यालय की दशा बदल दी। आज प्रखंड के दोनों विद्यालय आसपास के सभी सरकारी विद्यालयों के लिए मिसाल बन गए हैं।

    प्रखंड के दोनों विद्यालयों की स्थिति में आए बदलाव का ही नतीजा है कि ग्रामीण परिवेश में दोनों विद्यालय बच्चों और उनके अभिभावकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। विद्यालय परिसर में लगाए गए रंग-बिरंगे फूल और बागवानी आज लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। विद्यालय परिसर में प्रवेश करते ही यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

    विद्यालय की दीवारों पर बनी रंग-बिरंगी पेंटिंग, आकर्षक कक्षा कक्ष, विद्यालय कार्यालय, विद्यालय परिसर में बने वाटर स्टेशन, रैंप, वेस्टर्न शौचालय, आधुनिक किचन, स्मार्ट क्लास रूम, प्रयोगशाला, छात्राओं के लिए पैड बैंक, सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति प्रणाली की हर व्यक्ति प्रशंसा करता है।

    स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था से लेकर स्कूल परिसर की साफ़-सफ़ाई तक, सब कुछ अन्य स्कूलों के लिए आदर्श है। बच्चे ड्रेस कोड में स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। ऐसे में इन स्कूलों के बच्चों को देखकर निजी स्कूलों की याद आती है।

    सीसीटीवी के जरिए पूरे स्कूल पर नजर 

    स्कूल परिसर से लेकर स्कूल की कक्षाओं तक, सब कुछ सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। इसका नियंत्रण प्रधानाचार्य के कार्यालय से होता है। इसके ज़रिए पूरे स्कूल की व्यवस्था पर नज़र रखी जाती है।

    बायोमेट्रिक्स के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज 

    स्कूल में तैनात सभी शिक्षकों की उपस्थिति बायोमेट्रिक्स के ज़रिए दर्ज की जाती है। ऐसे में शिक्षकों के स्कूल आने और जाने का समय इस उपस्थिति के ज़रिए स्वतः दर्ज हो जाता है। बायोमेट्रिक उपस्थिति के कारण शिक्षक और शिक्षिकाएँ स्कूल पहुँचने में समय का हमेशा ध्यान रखते हैं।

    कंप्यूटर और एलईडी टीवी के ज़रिए बच्चों को दी जाती है शिक्षा

    स्कूल में पढ़ने वाले सभी छात्रों को किताबों का ज्ञान देने के साथ-साथ कंप्यूटर और एलईडी टीवी के ज़रिए भी शिक्षा दी जाती है। ताकि विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता का पूर्ण विकास हो सके।