Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gopalganj: सड़कों पर नहीं होता ट्रैफिक नियमों का पालन, वाहनों की तेज रफ्तार निगल रही लोगों की जान

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 03:42 PM (IST)

    गोपालगंज जिले में सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसका मुख्य कारण वाहनों की तेज गति है। राजमार्गों पर गति नियमों का उल्लंघन आम है जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। पुलिस और परिवहन विभाग के पास गति जांचने के लिए उपकरण होने के बावजूद नियमित जांच नहीं की जाती है।

    Hero Image
    गति नियमों का नहीं होता पालन, ओवर स्पीड में जा रही लोगों की जान

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। जिले में हर साल 200 से ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। इनमें से हाइवे पर होने वाले करीब 60 फीसदी हादसे वाहनों की ज्यादा रफ्तार की वजह से होते हैं। इसका कारण वाहनों को चलाने में निर्धारित गति नियमों का पालन नहीं किया जाना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनएच से लेकर स्टेट हाइवे तक गति के नियमों का पालन कदापि नहीं किया जाता। जिसके कारण होने वाली दुर्घटनाओं में लोग जवान गंवाते हैं तथा कई लोग स्थायी रूप से अपंगता के शिकायत हो जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार इस साल अबतक ओवर स्पीड के कारण 46 स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं हुईं।

    आंकड़ों की मानें तो सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण ओवर स्पीडिंग है। फोरलेन पर 80 व टू-लेन पर 60 किमी प्रतिघंटा की सामान्य गति मानी गई है। आबादी वाले क्षेत्रों में गति सीमा 30 किलोमीटर तक रहती है।

    इसके विपरीत कई वाहन चालक निर्धारित गति से अधिक पर वाहन चलाते हैं। इसका परिणाम सामने है। हाइवे पर वाहनों की रफ्तार पर निगरानी के लिए कागज पर व्यवस्था जरूर की गई है।

    धरातल पर इसका अनुपालन होता नहीं दिखता। पुलिस मुख्यालय की ओर से पुलिस को इसके लिए वाहन उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा परिवहन विभाग में भी वाहनों की गति जांच के लिए यंत्र उपलब्ध कराया गया है।

    यंत्र व वाहन की उपलब्धता के बावजूद एनएच से लेकर स्टेट हाइवे तक वाहनों के गति की जांच नहीं की जाती है। एमवीआई के स्तर पर कभी-कभार चलने वाली जांच में अबतक सैकड़ों वाहनों को चलान किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि हाइवे पर होने वाली अधिकांश दुर्घटनाएं ओवर स्पीड के कारण ही हुईं हैं।

    नहीं दिखते ट्रैफिक इंटरसेप्टर वाहन

    तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों को भी आधुनिक यंत्र सिस्टम (ट्रैफिक इंटरसेप्टर) से पकड़ा जा सकता है। जीपीएस, साउंड मीटर, स्पीड रडार व टिंट मीटर जैसी आधुनिक तकनीक से लैस यह वाहन न केवल हाई स्पीड वाहनों पर नजर रख सकता है, बल्कि उनकी वीडियो बनाने के साथ पुख्ता सबूत भी प्रस्तुत कर सकता है। हाइवे पर लगातार दुर्घटनाएं होने के बावजूद यह वाहन हाइवे पर नहीं दिखता।