सासामुसा चीनी मिल के लड़खड़ाने से सुस्त पड़ने लगीं आर्थिक गतिविधियां
पिछले आठ दशक से पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान देने वाला चीनी मिल अब बंद है। इसके संचालन में गड़बड़ी के बाद से आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ने लगीं।

संवाद सूत्र, कुचायकोट(गोपालगंज) : पिछले आठ दशक से पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान दे रहे कुचायकोट प्रखंड के सासामुसा में स्थित सासामुसा चीनी मिल के लड़खड़ाने के साथ ही इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार सुस्त पड़ने लगी है। खासकर सासामुसा बाजार तथा आसपास के इलाके में इस फैक्ट्री के संचालन में आई गड़बड़ी के बाद गन्ना वेल्ट के लोगों के जीवन पर इसका असर दिखने लगा है। ।मिल संचालन से लेकर पूरे वर्ष तक इस फैक्टरी पर हजारों किसान भुगतान से लेकर अन्य जरुरतों के लिए पहुंचते थे । इन किसानों की उपस्थिति से सासामुसा बाजार से लेकर आसपास के अन्य बाजार भी गुलजार रहते थे । भुगतान लेने के बाद किसान इस बाजारों से दिनचर्या के सामानों की खरीदारी के साथ ही शादी विवाह या अन्य मौकों के लिए भी सामानों की खरीदारी करते थे । सासामुसा बाजार की पूरी आर्थिक गतिविधि सासामुसा मिल के संचालन से जुड़ी हुई है। लेकिन अब मिल की स्थित खराब होने से इस मिल में किसानों के गन्ना का भुगतान फंस गया है। इसके साथ ही इस इलाके के बाजारों मे आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ने लगा है।
साल 1932 में सासामुसा में सासामुसा शुगर फैक्ट्री की स्थापना की गई। इस मील में जिले के उत्तरी हिस्से के अलावा चंपारण के किसान भी अपना गन्ना आपूर्ति करते थे। मिल स्थापित होने से सासामुसा बाजार इस इलाके का एक प्रमुख व्यवसायिक केंद्र के रूप में विकसित होने लगा। इलाके आसपास के बाजारों में भी आर्थिक गतिविधियों बढ़ने लगी। इससे इस इलाके में रोजगार के अवसर भी बढ़ने लगा। इसी बीच साल 2010 के बाद धीरे-धीरे मिल प्रबंधन के आपसी फूट और अन्य कारणों से मिल की स्थिति बिगड़ने लगी। स्थितियां यह हुई कि 2015 के बाद किसानों का बकाया मिल पर होने लगा। मिल द्वारा किसानों के गन्ना भुगतान में धीरे-धीरे गड़बड़ी आनी शुरू हो गई। वर्ष 2018 के दिसंबर महीने में अचानक मिल में हुई दुर्घटना में सात मजदूरों की मौत के बाद मिल की स्थिति बद से बदतर हो गई। काफी समय तक मिल का संचालन बंद रहा। इसके बाद फैक्ट्री किसी सत्र में दस दिन तो किसी सत्र 20 से 25 दिन से ज्यादा नहीं चली। किसानों के गन्ना का भुगतान रुक गया। मिल की स्थिति लड़खड़ाने के कारण सासामुसा बाजार के व्यवसायियों पर इसका सीधा असर पड़ा । कभी आर्थिक गतिविधियों का केंद्र रहे सासामुसा मिल की स्थिति बिगड़ने के बाद सासामुसा बाजार समेत आसपास के बाजारों में आर्थिक गतिविधियों सुस्त पड़ने लगी हैं। सासामुसा बाजार के व्यवसाई रामजी गुप्ता बताते हैं कि मिल संचालन में आई गड़बड़ी के बाद किसानों ने सासामुसा बाजार के तरफ आना बंद कर दिया। जिससे इस बाजार की रौनक खत्म होने लगी है। मिल की स्थित खराब होने का असर इस इलाके के सभी बाजारों पर पड़ने लगा है।
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उद्योग पर संकट
- साल 1932 में सासामुसा में स्थापित किया की शुगर फैक्ट्री
- 2010 से खराब होने लगी मिल की स्थिति
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