दहेज उन्मूलन अभियान के बावजूद 10 माह में 18 हत्याएं, 180 महिलाएं बेघर; न्याय की आस में कोर्ट की शरण
गोपालगंज में दहेज उन्मूलन के सरकारी प्रयासों के बावजूद, दहेज उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं। वर्ष 2025 में कई महिलाओं को प्रताड़ित किया गया, कुछ की हत्या हुई। जागरूकता अभियान के बावजूद, दहेज का दंश कम नहीं हो रहा है। कई महिलाओं ने न्यायालय में इंसाफ की गुहार लगाई है और भरण-पोषण के लिए मामले दर्ज कराए हैं। मध्यस्थता केंद्र और महिला हेल्पलाइन भी मामलों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।

मिथिलेश तिवारी, गोपालगंज। सरकारी स्तर पर दहेज उन्मूलन के लिए लगातार अभियान चलाने के बावजूद जिले में दहेज के दंश की घटनाएं कम होती नहीं दिख रहीं। वर्ष 2025 के शुरुआती दस माह के आंकड़े इस बात के गवाह हैं। इस बीच आए दिन महिलाएं ससुराल वालों की प्रताड़ना की शिकार हुईं।
कहीं बहू को दहेज के लिए जलाकर मारने का प्रयास किया गया, तो कहीं जहर देकर हत्या कर दी गई। पुलिस भी महिला उत्पीड़न की वारदातों में त्वरित कार्रवाई करती नजर नहीं आई। इस साल जनवरी से अक्टूबर माह तक जिले में 180 महिलाओं को दहेज के लिए घर से निकाल दिया गया। इस बीच 18 महिलाओं की दहेज हत्या की घटनाएं हुईं।
नहीं कम हो रहा दहेज का दंश
वर्ष 2019 में सरकार ने दहेज पर रोक लगाने के लिए अभियान प्रारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य आम लोगों में जागरूकता लाना रहा है। इस अभियान को लेकर हर साल कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को बाल विवाह व दहेज उत्पीड़न पर रोकथाम के लिए जागरूक किया जा रहा है। बावजूद इसके यहां दहेज का दंश कम होता नहीं दिख रहा है।
इंसाफ के लिए न्यायालय की लेनी पड़ रही शरण
इस साल दहेज प्रताड़ना के आंकड़े पर गौर करें तो वर्ष 2025 के शुरुआती दस माह में 73 आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए। इसके अलावा पुलिस के स्तर पर कार्रवाई नहीं करने पर 107 महिलाओं ने कोर्ट में परिवाद पत्र दाखिल कर ससुराल के लोगों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
आंकड़ों की मानें तो इस साल अक्टूबर तक 18 महिलाओं को दहेज की बलि बेदी पर ससुराल के लोगों ने चढ़ा दिया तथा 18 महिलाओं को ससुराल के लोगों ने जलाकर मारने का प्रयास किया।
भरण-पोषण के लिए दर्ज हुए 203 मामले
विवाहित महिलाओं के उत्पीड़न का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2025 के शुरुआती दस माह के दौरान भरण पोषण के 203 मामले परिवार न्यायालय में दाखिल किए गए।
वाद दाखिल कर प्रताड़ित कर घर से निकाली गई महिलाओं ने न्यायालय से भरण-पोषण के लिए पति से गुजारा भत्ता दिलाने की गुहार लगाई।
मध्यस्थता केंद्र में जुड़े दिल
ऐसी बात नहीं कि दहेज उत्पीड़न या महिला उत्पीड़न को लेकर दाखिल किए गए मामले समाप्त नहीं हुए। वर्ष 2025 के दौरान महिला उत्पीड़न के दो दर्जन से अधिक मामलों में मध्यस्थता केंद्र से पति-पत्नी के विवाद का समाधान किया गया। विवाद समाप्त होने के बाद दंपती ने गिले-शिकवे को समाप्त कर एक साथ रहने पर सहमति जताई।
महिला हेल्पलाइन में आए दर्जनों मामले
इस साल अब तक महिला हेल्पलाइन में भी महिला उत्पीड़न के दर्जनों मामले सामने आए हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में पक्षकारों को नोटिस कर हेल्पलाइन की ओर से विवाद का निराकरण करने का प्रयास किया गया। जबकि कुछ विवादों का समाधान हेल्पलाइन में नहीं हो सका।
वर्ष 2025 के शुरुआती दस माह में दहेज उत्पीड़न व दहेज हत्या का आंकड़ा
| माह | दहेज उत्पीड़न | दहेज हत्या |
|---|---|---|
| जनवरी | 22 | 03 |
| फरवरी | 19 | 01 |
| मार्च | 23 | 02 |
| अप्रैल | 17 | 03 |
| मई | 18 | 02 |
| जून | 19 | 02 |
| जुलाई | 17 | 01 |
| अगस्त | 16 | 02 |
| सितंबर | 18 | 01 |
| अक्टूबर | 13 | 01 |

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