दीपावली को लेकर कुम्हार की चाक ने पकड़ी रफ्तार, चाइनिज की जगह देसी झालरों से रोशन होंगे घर-द्वार
दीपावली के आगमन के साथ ही कुम्हार मिट्टी के दीये और बर्तन बनाने में व्यस्त हैं, क्योंकि इनकी मांग बढ़ गई है। लोग इस बार देसी झालरों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे बाजार में रंग-बिरंगी लाइटों और सजावटी सामानों की भरमार है। इलेक्ट्रिक दीयों और झालरों की विभिन्न किस्में उपलब्ध हैं, हालांकि देसी उत्पादों के प्रति रुझान अधिक है।

दीप-कलश व मिट्टी का बरतन बनाने का काम तेज
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। दीपावली का पर्व करीब आने के साथ ही सुस्त पड़ गए चाक ने रफ्तार पकड़ लिया है। कुम्हार दीपों के त्योहार दीपावली की तैयारियों में जुट गए हैं। शहर के चौक चौराहों पर इसे बेचने के लिए दुकानें भी सजने लगी हैं। मांग बढ़ने से ग्रामीण इलाकों से लेकर जिला मुख्यालय तक कुम्हार चाक के सहारे दीप, कलश तथा पूजा के दौरान उपयोग में आने वाले मिट्टी के बर्तन को तैयार करने में जुट गए हैं।
शहरी क्षेत्र से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों के बाजारों मेंं अब दीपावली के दौरान दीप जलाया जाता है। इसके अलावा छठ पूजा से लेकर कार्तिक माह में आयोजित होने वाले तमाम पूजनोत्सव में मिट्टी के बने बरतन का महत्व अधिक है। ऐसे में पर्व के दौरान मिट्टी के बरतन की मांग को देखते हुए दुकानें सजने लगी हैं। इस बार लोगों में दीपावली के दिन अपने घरों को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीये जलाने को लेकर अधिक रुझान दिख रहा है। इससे दीये, कलश से लेकर मिट्टी के बने बर्तनों की मांग बढ़ गई है।
मांग बढ़ने के साथ ही कुम्हारों के चाक ने रफ्तार पकड़ लिया है। मांझा के कर्णपुरा गांव में चाक पर दीया बनने में जुटे ललन पड़ित ने बताया कि इस बार बाजार में दीपावली की रौनक दिख रही है। उन्होंने बताया कि नवरात्र शुरू होने के बाद से मिट्टी के बने बर्तनों की मांग बाजार में बढ़ने के कारण वे लोग लगातार काम कर रहे हैं। अब दीपावली व छठ महापर्व को लेकर मिट्टी के बर्तन की मांग काफी बढ़ गई है। मांग बढ़ने से तेजी से मिट्टी के बरतन का निर्माण किया जा रहा है। कुम्हार अपनी चाक पर दीया, कलश, परई, मिट्टी की कड़ाही दिन रात तैयार कर उसे सुखाकर बाजार में पहुंचाने में जुट गए हैं।
बाजार में सजी देसी व चाइनीज झालरों की दुकानें
दीपावली से पहले रंग-बिरंगी झालर और फैंसी लाइटों से बाजार सज चुका है। इस बार चाइनिज झालरों की बजाए देसी झालरों से घर और आंगन को रोशन किया जाएगा। इसके अलावा इलेक्ट्रिक दीया, बल्ब, ओम, गोल्डन लटकन व बटरफ्लाई भी ग्राहकों को काफी आकर्षित कर रही है। कई वैरायटी के झूमर, स्वास्तिक, श्रीगणेश की लड़ियां, टच लैंप, दीपक, कंदील, लेजर लाइट, प्लास्टिक के फूल की झालर भी लोग पसंद कर रहे हैं।
कारोबारियों के मुताबिक बाजार में चाइनीज सामान के प्रति लोगों के बदले रवैये के कारण बिक्री पिछले वर्ष के मुकाबले कुछ कम हो रही है। इस साल दीपावली को लेकर बाजार में इलेक्ट्रिक आइटम की भरमार दिख रही है। बाजार में हर कीमत व रेंज में इलेक्ट्रिक दीया, मोमबत्ती व कलश उपलब्ध है। चाइनीज व देसी इलेक्ट्रिक सामान की कीमत में काफी अंतर दिख रहा है। लोग अपनी जरूरत के हिसाब से सामान की खरीद कर रहे हैं।
बाजार में उपलब्ध इलेक्ट्रिक सामान की कीमत में चाइनीज सामान अधिक आकर्षक होने के कारण इस ओर लोग आकर्षित हो रहे हैं। इसके बाद भी देसी इलेक्ट्रिक सामान खरीदने की ओर रुचि अधिक दिखा रहे हैं। वैसे बाजार में इन दिनों इलेक्ट्रिक मोमबत्ती, दीया और कलश की सबसे अधिक मांग है। इसके अलावा फैंसी झालरों का क्रेज दिखाई दे रहा है।
बाजार में उपलब्ध हैं इलेक्ट्रिक दीप माला
इस साल बाजार में इलेक्ट्रिक दीप माला बिक रही है। 200 से 600 रुपये कीमत की दीपमालाओं की ओर युवाओं का आकर्षण अधिक दिख रहा है। इसके अलावा बाजार में इस साल लेजर लाइट मशीन तथा पाइप वाली झालरों की भी बिक्री हाे रही है।
कई तरह के झालर से सजा इलेक्ट्रिक बाजार
इस साल बाजार में कई तरह के झालर उपलब्ध हैं। इन झालरों में रेडरोज झालर, म्यूजिकल झालर, सिल्क झालर, प्लास्टिक कैप झालर, चटाई झालर, चेरी झालर, राइस झालर, गेंदा झालर आदि प्रमुख हैं। इन झालरों में लगे रंगीन बल्ब लोगों को आकर्षिक कर रहे हैं।
सूरत, इंदौर, दिल्ली व अहमदाबाद से पहुंच रहा सामान
दीपावली को लेकर इलेक्ट्रिक दुकानों में उपलब्ध रंग बिरंगे झालर सूरत, इंदौर, दिल्ली व अहमदाबाद से पहुंचा है। बाजार में उपलब्ध सामान सबसे अधिक दिल्ली से पहुंचा है। लेकिन बाजार में उपलब्ध देसी सामान की कीमत चाइनीज के मुकाबले अधिक है। दुकानों में चाइनीज व देसी दोनों तरह के सामान उपलब्ध है।
झालरों की कीमत
- झालर देसी चाइनीज 550-700 रुपये
- कलर का पट्टा 400 रुपये
- सिंगल कलर झालर 75-150 रुपये
- मल्टी कलर झालर 100-150 रुपये
- वेलकम झालर 700-1000 रुपये
- फैंसी बोर्ड (सत्यम तथा ओम) 650 रुपये
- छोटे झूमर 120-180 रुपये
- इलेक्ट्रानिक दीपक 50-150 रुपये
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