बिहार में पुलिस की मौजूदगी में हो रहीं शादियां, प्रशासन ने क्यों लिया ये फैसला?
बिहार में शादियों के दौरान अपराधों को रोकने के लिए प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में शादियां कराने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य गोलीबारी, मारपीट और दहेज जैसे मामलों पर नियंत्रण रखना है। पुलिस की उपस्थिति से शादी समारोह में सुरक्षा का माहौल बनेगा, जिससे लोग बिना डर के शामिल हो सकेंगे। यह प्रशासन की एक सराहनीय पहल है।

पुलिस की मौजूदगी में हो रही शादियां। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। बिहार में कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने तथा निजी आयोजनों में उत्पन्न होने वाले विवादों पर रोक लगाने के लिए पुलिस प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। जिले में विवाह, तिलकोत्सव, जन्मोत्सव और अन्य पारिवारिक कार्यक्रमों पर अब पुलिस की सीधी निगरानी रखी जा रही है।
इससे अधिकांश समारोह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न हो रहे हैं। पिछले कुछ समय में देर रात डीजे की तेज आवाज़, शराब सेवन, हर्ष फायरिंग, दहेज विवाद तथा बारात विदाई के दौरान सड़क जाम जैसी घटनाओं की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे समारोहों पर कड़ी नजर रखें और आवश्यकतानुसार मौके पर पहुंचकर स्थिति की समीक्षा करें।
इसी क्रम में बैकुंठपुर थाना क्षेत्र में भी पुलिस लगातार सक्रिय है। आयोजन स्थलों के आसपास रात्रि गश्ती बढ़ाई गई है और कई जगहों पर पुलिस अधिकारी स्वयं पहुंचकर कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। इससे आयोजक परिवारों और आम लोगों में सुरक्षा का भरोसा और अधिक मजबूत हुआ है।
बैकुंठपुर थानाध्यक्ष सुभाष कुमार ने कहा कि सामाजिक कार्यक्रमों में मर्यादा और अनुशासन बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। हर्ष फायरिंग, शराब पीकर हंगामा, अनियंत्रित डीजे साउंड, सड़क जाम या किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी टीमें लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं।
किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। पुलिस की बढ़ी हुई चौकसी का सकारात्मक असर दिख रहा है। समारोहों में शामिल लोग अब अधिक जिम्मेदारी के साथ कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, जबकि आयोजक परिवार भी कानून-व्यवस्था को लेकर जागरूकता दिखा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस की सक्रियता से समारोह न केवल सुरक्षित हो रहे हैं, बल्कि किसी भी अनहोनी की आशंका भी कम हो गई है। प्रशासन का यह कदम सामाजिक सौहार्द और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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