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    Bihar News: सैकड़ों परिवारों को अब भी घर के लिए जमीन का इंतजार... कुछ तो सरकार!

    Updated: Thu, 01 Feb 2024 02:25 PM (IST)

    सरकार के निर्देश पर वर्ष 2018 के दिसंबर माह के दौरान ऐसे परिवारों का पता लगाने के लिए अभियान चलाया गया था जिनके पास रहने योग्य जमीन नहीं है। प्रशासनिक आंकड़े बताते हैं कि इस अभियान के दौरान पूरे जिले में 1200 ऐसे परिवार जिनके पास खेती योग्य जमीन की बात ही दूर घर बनाने के लिए चार डिसमिल जमीन भी उपलब्ध नहीं थी।

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    सैकड़ों परिवारों को अब भी घर के लिए जमीन का इंतजार... कुछ तो सरकार!

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। सरकारी स्तर पर भले ही भूमिहीन परिवारों को बसाने के लिए जमीन दिलाने की कवायद की जा रही है। धरातल पर ऐसा हो नहीं पा रहा। भूमिहीन परिवार के लोगों को जमीन उपलब्ध कराने का दावा जिले में फेल साबित हो रहा है। प्रशासनिक स्तर पर तमाम प्रयास के बावजूद आठ सौ से अधिक परिवार के लोगों को मकान बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।

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    आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि ऑपरेशन भूमि दखल तथा अभियान बसेरा के बावजूद इन परिवारों को रहने के लायक जमीन नहीं मिल सकी है। इनमें एक सौ से अधिक परिवार महादलित वर्ग के हैं। हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर इन परिवारों को बसने के लिए जमीन उपलब्ध कराने की कवायद अब भी जारी है।

    2018 में सरकार ने दिए थे ये निर्देश

    बताया गया है कि सरकार के निर्देश पर वर्ष 2018 के दिसंबर माह के दौरान ऐसे परिवारों का पता लगाने के लिए अभियान चलाया गया था, जिनके पास रहने योग्य जमीन नहीं है। प्रशासनिक आंकड़े बताते हैं कि इस अभियान के दौरान पूरे जिले में 1200 ऐसे परिवार जिनके पास खेती योग्य जमीन की बात ही दूर घर बनाने के लिए चार डिसमिल जमीन भी उपलब्ध नहीं थी।

    प्रशासनिक स्तर पर सूचीबद्ध किए गए इन परिवारों को जमीन उपलब्ध कराने की कवायद प्रारंभ की गई। इसके बावजूद इनमें से 839 परिवारों को अबतक घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। इनमें महादलित परिवार के 121, अनुसूचित जाति के 40, अनुसूचित जनजाति के 9, बीसी वन के 177 तथा बीसी टू के 80 परिवार शामिल हैं। इन परिवारों के लोग आज भी अपनी जमीन मिलने की राह देख रहे हैं।

    ऑपरेशन बसेरा के तहत मिलनी थी जमीन

    चिह्नित किए गए परिवारों को आपरेशन बसेरा अभियान के तहत रहने योग्य चार डिसमिल जमीन उपलब्ध कराई जानी थी। इन परिवारों को सरकारी जमीन उपलब्ध कराए जाने की योजना सरकारी स्तर पर बनाई गई। इसके बाद भी अगर सरकारी भूमि नहीं मिली तो जमीन अधिग्रहण कर इन्हें बास योग्य भूमि उपलब्ध कराने का कार्यक्रम बनाया गया था, लेकिन अबतक गरीबों को किसी भी स्तर से भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है।

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