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    'हम किसी पार्टी के प्रचारक नहीं, हिंदुत्व के विचारक हैं'; गोपालगंज पहुंचे पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कह दी ये बात

    Dhirendra Krishna Shastri बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज गोपलागंज पहुंचे। आज से रामनगर में पांच दिवसीय श्री हनुमान कथा का उन्होंने शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिंदगी कितनी भी अच्छी हो इसमें भक्ति ना हो तो वह किसी काम की नहीं। जीवन में भक्त और भक्ति एक दूसरे के बिना सफलता की कामना संभव नहीं है।

    By Vivek Kumar TiwariEdited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 07 Mar 2025 06:30 AM (IST)
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    श्रद्धालुओं का अभिवादन करते पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री। (फोटो जागरण)

    विवेक कुमार तिवारी, फुलवरिया (गोपालगंज)। रामनगर में पांच दिवसीय श्री हनुमान कथा का गुरुवार से शुभारंभ हो गया। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने लोगों को पहले दिन की हनुमंत कथा सुनाई।

    इस दौरान उन्होंने कहा कि जिंदगी कितनी भी अच्छी हो, इसमें भक्ति ना हो तो वह किसी काम की नहीं। जीवन में भक्त और भक्ति, एक दूसरे के बिना सफलता की कामना संभव नहीं है। पुरुषार्थ करते रहिए, जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी।

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    शाम पांच बजे पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रामनगर पहुंचे। कथा प्रारंभ के दौरान उन्होंने कहा, जीवन में सबका सम्मान करें। छोटे से छोटे व्यक्ति भी सम्मान के पात्र होते हैं। जीवन के कर्तव्यों के साथ-साथ भक्ति भी जरूरी है।

    भक्ति के बिना सफल जीवन की कामना बेकार है। उन्होंने कथा के दौरान ही कहा, हम किसी पार्टी के प्रचारक नहीं, बल्कि हिंदुत्व के विचारक हैं। यह देश हमारा है, यह बिहार हमारा है। हम हिंदुत्व जगाने आए हैं। हिंदू राष्ट्र बनाने आए हैं।

    पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के रामनगर पहुंचने पर उमड़ी लोगों की भीड़।

    उन्होंने दुनिया में अलग-अलग देश में रह रहे अलग-अलग समुदाय के साथ हिंदुत्व पर चर्चा करते हुए भारतवर्ष को एक महान राष्ट्र बताया। उन्होंने कहा, हम हिंदू को एकजुट करने आए हैं। आप हमें रामनगर में जब तक रखेंगे हम तब तक रहेंगे। पांच दिवस ही क्या, पांच महीने तक हम हिंदुत्व के लिए कथा करते रहेंगे।

    रामनगर पहुंचने पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सर्वप्रथम श्री राम जानकी मठ में पूजा-अर्चना की। लोगों की भीड़ पं. धीरेंद्र के दर्शन मात्र के लिए बेचैन रही। मठ में पूजा के बाद सीधे अपने निजी वाहन से वह कथा मंच की ओर बढ़े।

    यहां साधु-संतों के साथ बालाजी भगवान की पूजा-अर्चना की। इसके बाद वह कथा मंच पर विराजमान हुए। मंच पर "का हो बिहार वालों" के उद्घोष से सभी का स्वागत करते हुए सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया। प्रारंभ में गुरुजनों, साधु संतों तथा श्रद्धालुओं को प्रणाम किए।

    इसके बाद श्री हनुमान जी की आरती करते हुए श्री हनुमंत कथा का श्रीगणेश किया। गणेश वंदना, सीताराम वंदना, हनुमान वंदना आदि करते हुए कथा में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आगे बढ़े। सभी देवी-देवताओं का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की धरती जानकी मैया की धरती है। भगवान बुद्ध की धरती है।

    कथा सुनने को उमड़ी लोगों की भीड़।

    ऐसे महापुरुष बिहार से जन्मे हैं, जिनकी महत्ता अविरल, अविस्मरणीय और अद्वितीय है। मठ के महंत हेमकांत शरण देवाचार्य ने व्यासपीठ की आरती की। पहले दिन की कथा देर शाम 7:30 बजे संपन्न हुई।

    शुक्रवार सुबह सात बजे से योग शिविर का कार्यक्रम है। आठ मार्च यानी शनिवार की सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक तीन घंटे का दिव्य दरबार लगेगा।

    जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करे सब कोई

    कथा के दौरान पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जिन पर कृपा राम की हो जाती है, यानी भगवान की हो जाती है उन पर कृपा सभी की कृपा हो जाती है। भक्ति जिन व्यक्ति को प्राप्त हो जाती है, भगवान उनके मुरीद हो जाते हैं।

    भगवान की कृपा सिर्फ भक्ति, भजन और सत्संग से मिलती है। उन्होंने कहा कि राम भक्त श्री हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए, सभी देवी-देवता प्रसन्न रहेंगे।

    दो भक्तों का अद्भुत मिलन है सुंदरकांड

    कथा में सुंदरकांड प्रसंग को सुनाते हुए पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सुंदरकांड को सुंदर क्यों कहा गया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रभु के दो भक्त हनुमान और विभीषण का अद्भुत मिलन ही सुंदरकांड का प्रमुख सार है।

    रामनगर में श्री हनुमंत कथा सुनाते पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री।

    उन्होंने अलग-अलग उदाहरण देते हुए सुंदरकांड की महिमा को भक्तों के बीच समझाया। सुंदरकांड का जिक्र करते हुए कहा कि मनुष्य का स्वरूप कितना भी सुंदर हो, यदि उसके अंदर विचार और चरित्र ना हो पूरा स्वरूप बेकार है। जीवन में भक्ति ना हो तो वह जीवन बेकार है।

    संगीतमय भजनों पर झूम उठे श्रद्धालु

    कथा के दौरान अलग-अलग प्रसंग के बीच पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर से संगीतमय भजन प्रस्तुत किए गए। इस पर श्रद्धालु झूम उठे। इस दौरान महिला श्रद्धालु खड़ी होकर भक्ति रस में नृत्य करने लगीं।

    लोगों की भीड़ रामनगर की धरती पर कथा सुनने पहुंची। पहले दिन की कथा के दौरान सुंदरकांड, जटायु, संपाती, हनुमान लंका गमन, सीता अशोक वाटिका प्रसंग के साथ-साथ अशोक वाटिका में सीता मैया व हनुमान जी के मिलन प्रसंग को सुनाया गया। विदेश से भी श्रद्धालु कथा का श्रवण करने पहुंचे हैं।

    सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध

    बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगमन को लेकर प्रशासनिक सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। रामनगर श्री राम जानकी मठ में आगमन से पूर्व हथुआ एसडीपीओ पदाधिकारी आनंद मोहन गुप्ता के नेतृत्व में बड़ी की संख्या में पुलिस जवान उनकी सुरक्षा में लग रहे।

    मठ पहुंचने से पहले दोनों तरफ रस्सी की बैरिकेडिंग लगाई गई, जिसके बीच से पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लोगों का अभिवादन करते हुए मठ के अंदर प्रवेश किए। उधर, पूर्व निर्धारित यातायात प्लान का पुलिस की ओर से पालन कराया गया।

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