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    गोपालगंज में राष्ट्रीय लोक अदालत में 340 मामलों का हुआ निष्पादन

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 12 Dec 2020 10:23 PM (IST)

    शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलह व समझौते के आधार पर 340 मामलों का निष्पादन किया गया। इस दौरान सबसे अधिक बैंक से संबंधित वादों का निष्पादन हुआ। पहली बार ऑनलाइन आयोजित इस लोक अदालत में वाद का तेजी से निष्पादन करने के लिए कुल चार पीठ का गठन कर न्यायिक पदाधिकारियों को तैनात किया गया था।

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    गोपालगंज में राष्ट्रीय लोक अदालत में 340 मामलों का हुआ निष्पादन

    गोपालगंज : शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलह व समझौते के आधार पर 340 मामलों का निष्पादन किया गया। इस दौरान सबसे अधिक बैंक से संबंधित वादों का निष्पादन हुआ। पहली बार ऑनलाइन आयोजित इस लोक अदालत में वाद का तेजी से निष्पादन करने के लिए कुल चार पीठ का गठन कर न्यायिक पदाधिकारियों को तैनात किया गया था।

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    इससे पहले न्यायालय के सभागार में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने आपसी समझौते के आधार पर अधिक से अधिक वादों का निपटारा करने की अपील की। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद चार पीठ के माध्यम से ऑनलाइन तरीके से लंबित वादों के निष्पादन की कार्रवाई शुरू की गई। पूरे दिन चली लोक अदालत के दौरान सबसे अधिक बैंकों से संबंधित वादों का निपटरा किया गया। चारो पीठ में न्यायिक पदाधिकारियों के अलावा न्यायालय के कर्मियों की भी तैनाती की गई थी। पीठ संख्या एक में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार, पीठ संख्या दो में सबजज प्रथम शुकुन कुमार मांझी, पीठ संख्या तीन में सबजज सात अमित कुमार शर्मा तथा पीठ संख्या चार में सबजज 16 अशोक कुमार मांझी को तैनात किया गया था। इस दौरान प्री लिटिगेशन के 322 वादों का निष्पादन किया गया। इन वादों में 87 लाख 72 हजार 896 रुपये का सेटलमेंट किया गया। अलावा इसके फौजदरी के कुल 12, विद्युत विभाग से संबंधित चार तथा परिवार न्यायालय से संबंधित कुल दो वाद का आपसी समझौते के आधार पर निष्पादन किया गया। उद्घाटन समारोह में तमाम न्यायिक पदाधिकारियों के अलावा बैंकों के कर्मी, अधिवक्ता व सैकड़ों की संख्या में पक्षकार मौजूद रहे।