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    गोपालगंज के 230 पुराने तालाबों की बदलेगी दशा, कमेटी करेगी निगरानी

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 04:11 PM (IST)

    नए साल में गोपालगंज के ग्रामीण इलाकों के 230 पुराने तालाबों की दशा सुधरेगी। मनरेगा के तहत इन तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, उन्हें गहरा किया जाएगा और चारों ओर बांध बनाए जाएंगे। पानी की कमी न हो, इसके लिए पंप लगाए जाएंगे और तालाबों की देखरेख के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। 

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    तालाबों की सुधरेगी दशा। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। नए साल में ग्रामीण इलाकों में बदहाली की मार झेल रहे 230 पुराने तालाबों की दशा में बदलाव आएगा।

    नए साल में इनका जीर्णोद्धार किया जाएगा। इन तालाबों में साल के 12 माह तक लगातार पानी का स्तर सामान्य बनाए रखने के लिए विद्युत चालित पंप लगाए जाने की योजना है। ताकि तालाबों में कभी भी पानी की कमी जैसी समस्या पैदा नहीं हो। इस योजना पर जल्द ही कार्य प्रारंभ किए जाने की कवायद शुरू हो गई है।

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    जिले में प्रशासनिक स्तर पर प्रत्येक पंचायत में मनरेगा के तहत एक-एक नए तालाब के साथ ही पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत मात्र 112 तालाबों का ही जीर्णोद्धार हो सका है।

    वर्ष 2026 में शेष बचे करीब 230 तालाबों की दशा में सुधार के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार किया जाएगा।

    इस योजना तहत सबसे पहले तालाब को गहरा कर उसके चारों ओर ऊंचा मिट्टी का बांध बनाया जाएगा। इसके अलावा तालाब की सफाई से लेकर अन्य इंतजाम भी किए जाएंगे।

    इन तालाबों की देखरेख की जिम्मेदारी भी एक कमेटी को दी जाएगी। यही कमेटी तालाब के रख रखाव से लेकर अन्य कार्य करेगी। ताकि तालाब की जमीन का कोई भी व्यक्ति अतिक्रमण नहीं कर सके। ऐसे चिह्नित तालाबों की घेराबंदी कराए जाने की भी योजना प्रशासनिक स्तर पर तैयार की गई है।

    पुराने तालाबों के समीप भी लगेगा विद्युत चालित पंप

    इस अभियान के तहत जिन पुराने तालाब जिनका जीर्णोद्धार किया जाएगा, वहां गर्मी के दिन भी पानी की कमी नहीं होगी। इसके तहत संबंधित तालाब के आसपास मोटर चालित पंप लगाए जाएंगे। पंप के सहारे ऐसे तालाब में गर्मी के दिन में पानी भरने की व्यवस्था होगी। ताकि इन तालाबों में सालों भर पानी भरा रह सके।

    भव्य दिखेगा तालाब

    पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार के दौरान इस बात का भी ख्याल रखने का निर्देश दिया गया है कि तालाब की भव्यता कहीं से भी कम नहीं दिखे। इसके लिए तालाब के चारों ओर पौधों को लगाने की भी योजना है। ताकि पेड़ की छाया के साथ पर्यावरण को भी स्वच्छ रखा जा सके।

    बदहाल हो चले हैं ग्रामीण इलाकों के तालाब

    ग्रामीण इलाकों में स्थित पुराने तालाबों की बदहाल स्थिति को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तालाब का जीर्णोद्धार करने की पहल शुरू की गई है।

    जिले में वर्तमान समय में 3500 से भी अधिक तालाब मौजूद हैं। इनमें से कई तालाब का अस्तित्व ही वर्तमान समय में संकट में फंसा दिख रहा है। इसके पीछे असली कारण इनका लगातार हो रहा अतिक्रमण है।