झेन ध्यान पद्धति नागार्जुन और कुमारजीवा के शिक्षा पर आधारित
फोटो 39 -बोधगया के संबोधि रिट्रीट में शून्यता अभियान का भव्य आयोजन -तीन देशों के करीब पाच हजार लोग इस राह पर चले --------- जागरण संवाददाता बोधगया
गया । बुद्ध के दर्शन में शून्यता पर काफी बल दिया गया है। इस दर्शन से अब दुनिया के लोग प्रभावित हो रहे हैं और इस मार्ग का अनुशरण कर रहे हैं। रविवार को तीन देशों के करीब पाच हजार लोग इस राह पर चल पड़े हैं। इसकी अगुवाई डॉक्टर लिम सियो जिन, आचार्य नागाजिवाद्ध कर रहे हैं, जो वर्तमान में एक सफल बहुराष्ट्रीय कंपनी डीएक्सएन के संस्थापक हैं। चाइनीज वंश से नाता रखने वाले डॉक्टर लिम का जन्म मलेशिया में हुआ।
डॉक्टर लिम इस बिलियन डॉलर कंपनी कि स्थापना से पहले आइआई टी खडगपुर से ग्रेजुएट हुए। वह झेन की ध्यान पद्धति से प्रभावित थे जो मूल रूप से नागार्जुन और कुमारजीवा की शिक्षा पर आधारित है।
भारत और वहा के शिक्षकों का कर्ज उतारने की प्रेरणा के साथ डॉक्टर लिम ने शुन्यती फाउंडेशन एस आई एफ की बुनियाद रखी। इसका रजिस्ट्रेशन भारत के तेलंगाना प्रात में कराया जहा डीएक्सएन की विश्व में सबसे बड़ी फैक्ट्री का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि मन की शाति से बड़ा कुछ नहीं। रविवार को बोधगया में आधिकारिक रूप से शून्य अभियान का शुभारंभ उन्होंने किया, जिसका उद्देश्य शाति और समृद्धि है। डॉक्टर लिम बताते हैं, बोधगया उनके लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि यहा गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई जो वास्तव में परम शून्य है। यहा निरंजना नदी के किनारे डॉक्टर लिम की अगुवाई में पांच से अधिक लोगों ने भाग लिया जो भारत के अलावा नेपाल, भूटान और मलेशिया से आए थे। उसके बाद वहा से सभी ने डॉक्टर लिम की अगुवाई में एक शाति यात्रा प्रारंभ की जो महाबोधि मंदिर के प्रागण में स्थित साधना उद्यान में समाप्त हुई। यहा विधिवत रूप से शून्य अभियान का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया।
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