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    Bihar Politics: वजीरगंज में विकास की बारिश या चुनावी चाल, 'शिलान्यास' बनाम 'चुनौती' से गरमाया माहौल

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 02:46 PM (IST)

    वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल गरमा गया है। भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह ने विकास कार्यों का शिलान्यास करके सियासी पारा चढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत करोड़ों की लागत वाली सड़कों नालों और अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। विधायक का कहना है कि वे पिछले पांच वर्षों की अधूरी मांगों को पूरा कर रहे हैं जबकि विपक्ष इसे चुनावी हथकंडा बता रहा है।

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    भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह और कांग्रेस नेत शशि शेखर सिंह (फाइल फोटो)

    सुभाष कुमार, गयाजी। वजीरगंज विधानसभा में चुनावी बिगुल अभी आधिकारिक रूप से नहीं बजा है, लेकिन जमीनी समर शुरू हो चुका है। भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को विकास के नाम पर ऐसा शिलान्यास तूफान खड़ा किया कि पूरे इलाके में सियासी थर्मामीटर अचानक चढ़ गया। मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत 10 परियोजनाओं की शुरुआत ने यह साफ कर दिया कि अब लड़ाई सिर्फ बूथ की नहीं, बल्कि छवि की भी है।

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    मानपुर प्रखंड गयाजी नगर निगम राणा नगर के वार्ड 50 से लेकर वार्ड 53 तक पीसीसी सड़क, नाला और अपग्रेडेशन के नाम पर एक के बाद एक शिलान्यास हुए। इसके अलावा, जनकपुर राणानगर अजय सिंह के आवास से पीसीसी पथ, प्रो. राजेंद्र सिंह बुढ़ी के पास सड़क-नाला, मनोकामना मंदिर से बुढ़िया प्रेस पास रोड जैसी अन्य योजनाओं पर कुल बजट सीधे करोड़ों में पहुंचा।

    इन योजनाओं की लागत दो करोड़ 58 लाख रुपए तक आंकी गई है। इसके अलावा पूर्व के दो से तीन महिनों में वजीरगंज विधायक वीरेंद्र सिंह के द्वारा करोड़ों रुपए के दर्जनों योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है।

    स्थानीय स्तर पर चर्चा ये भी है कि शिलान्यास की रफ्तार देखकर कोई कह नहीं सकता कि चुनाव में साल भर बाकी है। समर्थक इसे विकास की वैक्सीन बता रहे हैं, जबकि विरोधी इसे चुनावी इंजेक्शन करार दे रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में मिट्टी, सीमेंट, जेसीबी और पटका-बैनर फिलहाल पोस्टरबाजी से ज्यादा चर्चा में हैं।

    रणनीति तय, संदेश साफ-वोट से पहले काम का शाट

    वजीरगंज विधानसभा में पिछले पांच वर्षों की अधूरी मांगों को प्राथमिकता देकर जमीन पर उतारा जा रहा है। जिसमें मुख्य मांग मानपुर सिक्स लेन पुल से मेहता पेट्राल पंप तक फ्लाई ओवर ब्रिज था। जिसे विधायक के द्वारा जमीन पर उतारा गया है और मिट्टी टेस्टिंग का भी कार्य जारी है। इसके बन जाने के बाद जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी।

    इसके अलावा, जिले के अन्य विधानसभा के विधायक भी इसी रफ्तार में परियोजनाएं लान्च कर रहे हैं ताकि वोट से पहले वोटर को छू लिया जाए। भाजपा का संगठनात्मक तंत्र भी पूरे फार्म में है। फोटो, वीडियो, जनसभा, वार्ड विजिट और इंटरनेट मीडिया पर प्रसारण से हर कार्यक्रम को पब्लिक कनेक्शन में बदलने की तैयारी जारी है।

    ग्रामीणों का कहना है कि इस बार जनता हिसाब बही खोलकर देखने वाली है, इसलिए विधायक लगातार पंचायत-दर-पंचायत जाकर सर्वे, उद्घाटन और संवाद कर रहे हैं।

    विपक्ष का प्रहार: वोट नजर आते ही विकास याद आया

    इस बार मुकाबला सीधा दिख रहा है। महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी शशि शेखर सिंह मैदान में पूरे दमखम के साथ डटे हैं। पिछली बार मामूली अंतर से हारने के बाद इस बार उनका अभियान और धारदार है। गांवों में जनसंवाद, युवाओं की बैठकें, बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन और चौपाल स्तर पर संपर्क अभियान से वे भाजपा को आंखों-आंखों में जवाब दे रहे हैं।

    उनका आरोप है कि सड़क और नाली के नाम पर चुनावी महोत्सव शुरू किया गया है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, जो प्रस्ताव सालों से धूल खा रहे थे, उन पर अब मुहर इसलिए लगाई जा रही है क्योंकि जनता वोट देने वाली है। उधर, भाजपा इसे विकास का सिलसिला बताकर विपक्ष की बेचैनी का सबूत मान रही है।

    विकास की बौछार वोटों में बदलेगी या विपक्ष काट लेगा गणित

    वजीरगंज में अभी से एक लाइन सबसे ज्यादा दोहराई जा रही है। ये शिलान्यास चुनावी चौका है या बैकफुट का बचाव। एक ओर सत्ता पक्ष विकास की गली मजबूत कर रहा है, तो दूसरी तरफ विपक्ष जमीनी स्तर तक पकड़ जमा रहा है। 2025 का महासमर यहां मंच नहीं, सड़क, नाली और जनता के मूड पर तय होता दिख रहा है।

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