Pitripaksha 2022: गया में पितरों का श्राद्ध करने देश-विदेश से आते पिंडदानी, यहां प्रेतात्मा को शांत करने के लिए होता त्रिपिंडी श्राद्ध
Pitripaksha 2022 गया में स्थित 54 पिंडवेदियों पर कर्मकांड करके पितरों के मोक्ष दिलाते हैं। 54 प्रमुख वेदियों में एक गयाकूप भी है जहां पितृपक्ष में पिंडदानियों की भीड़ लगी रहती है। गयाकूप पिंडवेदी पर प्रेतात्मा को शांत करने के लिए पिंडदानी त्रिपिंडी श्राद्ध करते हैं।

जागरण संवाददाता, गया। Pitripaksha 2022: सनातन धर्म में गया का काफी महत्व है। यहां पितरों को मोक्ष मिलने के कारण इसे मोक्षभूमि भी कहते हैं। पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पितृपक्ष में देश-विदेश से काफी संख्या में पिंडदानी आते हैं। गया स्थित 54 पिंडवेदियों पर कर्मकांड करके पितरों के मोक्ष दिलाते हैं। 54 प्रमुख वेदियों में एक गयाकूप भी है, जहां प्रेतात्मा को शांत करने के लिए पिंडदानी त्रिपिंडी श्राद्ध करते हैं।
विष्णुपद मंदिर से सटे है गयाकूप पिंडवेदी
गयाकूप पिंडवेदी विष्णुपद मंदिर से सटे दक्षिण दिशा में है। आचार्य लाल भूष्ण मिश्र ने कहा कि गयाकूप पिंडवेदी पर पिंडदान करने से प्रेतात्मा शांत हो जाता है। इससे पारिवारिक कलह से निराकरण, संतान बाधा की निवृति, व्यापार में हानि एवं उपद्रवी से शांति होती है। नारियल में प्रेतात्मा का आवाहन कर पिंडवेदी के बीच में स्थित कुएं में डाल दिया जाता है। जिससे प्रेतात्मा को शांति मिली जाती है। यहां जौ का आटा, मधु, दूध, घी, पंचमेवा आदि सामग्री मिलाकर गोलाकार पिंड दिया जाता है।
पिंडवेदी की हो रही मरम्मत, रंगाई-पुताई
गयाकूप पिंडवेदी की रंगाई-पुताई की जा रही है। साथ ही टूटी दीवार को भी मरम्मत किया जा रहा है, जिससे पिंडदानियों को कर्मकांड करने में किसी तरह के परेशानी नहीं हो। पिंडवेदी से बाहर से वाहन खुली जगह की भी साफ-सफाई की जा रही है, ताकि वहां आराम से बैठक पिंडदानी कर्मकांड कर सकें।
कैसे पहुंचे गयाकूप पिंडवेदी तक, जानिए
गयाकूप पिंडवेदी शहर के दक्षिण क्षेत्र में विष्णुपद मंदिर के पास स्थित है। मंदिर से पिंडवेदी की दूरी करीब सौ मीटर है। रेलवे स्टेशन से पिंडवेदी की दूरी चार किलोमीटर है। जबकि घुघरीटांड बाइपास से दूरी मात्र आधा किलोमीटर है। विष्णुपद क्षेत्र में पिंडवेदी होने के कारण पिंडदानियों से गुलजार रहता है। पिंडवेदी तक वाहन आराम से पहुंच जाते हैं।
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