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गया में ठंड और कनकनी से अभी नहींं मिलने वाली राहत, मौसम विभाग ने बताया कब खत्म होगा सर्दी का सितम

Gaya Weather Update सर्दी का सितम फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। गया में बारिश के बाद एक बार फिर से पछुआ हवा ने कनकनी बढ़ा दी है। मौसम विभाग की माने तो अगले 72 घंटे तक लोगों को ठंड से राहत नहीं मिलने वाली।

By Rahul KumarEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 09:37 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 03:04 PM (IST)
गया में ठंड और कनकनी से अभी नहींं मिलने वाली राहत, मौसम विभाग ने बताया कब खत्म होगा सर्दी का सितम
Gaya Weather Update: गया में अभी नहीं मिलेगी ठंड से निजात। सांकेतिक तस्वीर

जागरण संवाददाता, गया। सर्दी का सितम लगातार जारी है। बारिश के बाद एक बार फिर कनकनी से लोग परेशान हैं। जनवरी माह खत्म होने को है लेकिन ठंड से फिलहाल निजात मिलते हुए नहीं दिख रही है। गया में पछुआ हवा एक बार फिर से लोगों को सता रही है। पछुआ हवा के बीच कनकनी और ठिठुरन ठंड को बढ़ाए हुए है। धूप में भी हवा बर्फीली महसूस होती हैं। इसके चलते आमजन काफी परेशान हैं। मौ मौसम विज्ञानी डा. जाकिर हुसैन ने कहा कि पछुआ हवा के प्रकोप से ठंड लगातार बना हुआ है। ठंड अभी अगले 72 घंटे तक रहेगी। आसमान साफ रहेगा। हर दिन धूप भी निकलेगी।

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सात से आठ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही यह हवा काफी तकलीफ दे महसूस हो रही है। शुक्रवार को भी पछुआ हवा का प्रकोप लगातार बना हुआ है। हालांकि, सुबह से धूप निकल गई है। जिस से थोड़ी राहत जरूर है। आज का न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जबकि गुरुवार को जिले का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मकर संक्रांति के बाद आम लोगों में इस बात की उम्मीद थी की ठंड से निजात मिलेगी। लेकिन वैसा अभी मौसम के मिजाज को देखते हुए नहीं लग रहा है। ठंड के इस मौसम में बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखने की बात चिकित्क कह रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही सुबह और शाम में कनकनी ज्यादा होती है, इस दौरान गर्म कपड़ों के साथ ही जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले।

गौरतलब है कि बीतों दिनों हुई बेमौसम बारिश से किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। तिलहन और दलहन की फसलों को काफी क्षति हुई है। आलू की फसल पर भी असर हुआ है। बारिश की वजह से खेतों में पानी लग जाने की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचा है। 


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