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    गया के अनरसा की मिठास ही निराली, चखने के बाद Ex President ने भी कहा था- वाह! क्‍या स्‍वाद है...

    By Prashant KumarEdited By:
    Updated: Fri, 25 Jun 2021 09:28 PM (IST)

    गया शहर की अपनी एक विशेषता है। प्राचीन शहर होने के कारण यहां के लोग खाने और खिलाने के शौकीन रहे है। गया के तिलकुट को भला कौन नहीं जानता। वैसे ही गया का अनरसा देश के अलावा विदेश में भी जाता है।

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    गया की मिठाई दुकान में अनरसा बनाते कारीगर। जागरण।

    संजय कुमार, गया। गया शहर की अपनी एक विशेषता है। प्राचीन शहर होने के कारण यहां के लोग खाने और खिलाने के शौकीन रहे है। गया के तिलकुट को भला कौन नहीं जानता। वैसे ही गया का अनरसा देश के अलावा विदेश में भी जाता है। गया के अनरसा का स्‍वाद राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी भी चख चुके है।

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    2016 में गया का अनारसा राष्ट्रपति भवन भेजा गया था। इसके अलावा अनरसा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन सहित दर्जनभर नेताओं ने भी गया का अनरसा का स्वाद चख चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यहां तो प्रतिवर्ष सीजन में अनरसा भेजा जाता है।

    जदयू के कई नेता अब संदेश में अनरसा लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचते हैं। शहर के टेकारी रोड स्थित अनरसा विक्रेता धीरज कुमार केसरी ने कहा कि गया का तिलकुट प्रसिद्ध है उसी तरह अनरसा भी अपने आप में जगह बना रखा है। अनरसा की बिक्री जून महीने से लेकर अक्टूबर महीने तक खूब होती है। गया का अनरसा राष्ट्रपति भवन से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचता है।

    विदेशों में भी जाता है अनरसा

    देश के कई शहरों के अलावा गया का अनरसा विदेश में भी जाता है। अपने परिवार के संदेश के रूप में लोग विदेश में भी भेजते हैं। विदेश में अनरसा अमेरिका, सऊदी अरब, जर्मनी, बांग्लादेश, पाकिस्तान सहित कई देशों में जाता है। वहीं दूसरे शहर हैदराबाद, कन्याकुमारी, पटना, धनबाद, रांची, दिल्ली, कोलकाता सहित देश के कई शहरों  को अपना स्वाद चखा चुका  है।

    कैसे तैयार होता अनरसा

    सबसे पहले अरवा चावल को पानी में धोकर सुखा देते हैं। उसके बाद चावल को मिल में पिसाई कराते हैं। उसके बाद गुड और चीनी का चाशनी तैयार किया जाता है। चासनी को आटे में मिलाकर पकाया जाता है। आटे को इतना पकाया जाता है कि हाथ में सटना बंद हो जाए। उसके बाद गोल गोल गोला बनाकर खोवा भरा जाता है। अनरसा को हल्का तिल मैं लपेट कर रिफाइंड डालडा एवं घी में छानकर पकाया करते हैं।  खोवा के अनारसा के अलावा पुड़ी अनरसा भी बनता। बाजार में अनरसा 260 रुपये किलो से लेकर 360 रुपये किलो तक बिक रहा है। जिस अनरसा में खोवा की मात्रा अधिक होती है, उसका दाम ज्यादा होता है।

    अनारसा से लोगों को मिल रहा रोजगार

    शहर में अनरसा बेचने के लिए छोटा या बड़ा करीब  700 दुकाने है। यहां 5000 लोग काम कर रहे हैं। लोगों को एक रोजगार मिला हुआ। जिससे अपने परिवार का पेट चला रहे हैं, क्योंकि तिलकुट के बाद अनरसा की भी मांग इस समय काफी बढ़ जाती है।