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    आंध्रप्रदेश, ओडिशा से बिहार तक फैला गांजा तस्करों का नेटवर्क, नारकोटिक्‍स टीम सिरा पकड़ने में जुटी

    मादक पदार्थों के तस्करों का नेटवर्क आंध्र प्रदेश ओडिशा से लेकर बिहार तक जुड़ा है। यहां की पुलिस हेरोइन एवं अफीम की जब्ती मामले में अरबियन देश से तार जुड़ने का पर्दाफाश हो चुका है। इस नेटवर्क में औरंगाबाद जिले के भी तस्कर शामिल हैं।

    By Prashant KumarEdited By: Updated: Mon, 30 Aug 2021 01:51 PM (IST)
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    दूसरे राज्‍यों तक फैला गांजा तस्‍करी का जाल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

    मनीष कुमार, औरंगाबाद। मादक पदार्थों के तस्करों का नेटवर्क आंध्र प्रदेश, ओडिशा से लेकर बिहार तक जुड़ा है। यहां की पुलिस हेरोइन एवं अफीम की जब्ती मामले में अरबियन देश से तार जुड़ने का पर्दाफाश हो चुका है। इस नेटवर्क में औरंगाबाद जिले के भी तस्कर शामिल हैं। तस्करी का कोरिडोर जीटी रोड से लेकर एनएच-139 तक है। एनएच-139 का नेटवर्क उड़ीसा, छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश से जुड़ा है।

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    बारुण थाना पुलिस ने शनिवार को टैंकर से गांजा की बड़ी खेप बरामद की। यह खेप आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से चली था और भोजपुर जिला में डिलीवरी दी जानी थी। गांजा जब्ती मामले में जो तस्कर पकड़े गए हैं, दोनों भोजपुर के रहने वाले हैं। गिरफ्तार कर जेल भेजा गया टैंकर चालक मिथिलेश कुमार पासवान गजराजगंज ओपी क्षेत्र के कुड़वा टोला (नवादा बेन) एवं साथ रहे शिवकुमार महतो गजराजगंज थाना के उदवंतनगर ओपी क्षेत्र के बीबीगंज गांव का निवासी है।

    इससे पहले 24 अप्रैल को नारकोटिक्स की टीम ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एनएच-139 चतरा मोड़ के पास से ट्रक पर से करीब 22 क्विंटल 50 किलो गांजा पकड़ा था। यह खेप ओडिशा से भोजपुर ले जाई जा रही थी। मामले में ओडिशा, औरंगाबाद एवं भोजपुर के तस्करों का नाम आया था। अबतक तस्कर पकड़े नहीं गए हैं। अब तक ट्रक चालक को ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सका।

    13 जनवरी को बारुण थाना पुलिस ने सिरिस गांव में इसरार अंसारी के घर छापेमारी कर करीब तीन करोड़ की हिरोइन एवं करीब 50 लाख की अफीम को बरामद किया था। तब इस माइक पदार्थ बरामदगी का नेटवर्क अरबियन देश से जुड़ा था। जब्ती के समय पुलिस ने बताया था कि इशरार का अरबियन देश आना-जाना होता है। मादक पदार्थ की तस्करी का नेटवर्क ओडिशा से जुड़ा भी पाया गया था।

    कार्रवाई नहीं होने से तस्कर बेखौफ

    पुलिस मादक पदार्थों की जब्ती के बाद आगे इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रति कोई कार्रवाई नहीं करती है। इससे तस्कर बच जाते हैं। कार्रवाई नहीं होने से तस्कर बेखौफ होकर मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं।

    कहते हैं एसपी

    एसपी कांतेश मिश्र ने बताया कि जिले के विभिन्न थानों में मादक पदार्थों से संबंधित दर्ज कांडों की समीक्षा की जाएगी। तस्करी में जो भी शामिल होंगे उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। अगर दूसरे राज्य में भी पुलिस को भेजना होगा तो भेजेंगे।