एक दशक से विवादों में उलझा है रजौली को नगर पंचायत बनाने का मामला, नई जणगणना के बाद होगा फैसला
रजौली को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने मामला एक दशक से कानूनी विवाद में उलझा हुआ है। हाइकोर्ट के आदेश के बाद दोबारा परिसीमन कराया गया। अब नई जणगणना के बाद ही इस दिशा में पहल होने के आसार हैं।

जेएनएन, नवादा। रजौली अनुमंडल मुख्यालय को नगर पंचायत का दर्जा देने का मामला एक दशक से कानूनी पचड़े में उलझा है। सरकार से स्वीकृति के बाद परिसीमन के विवाद में नगर पंचायत अस्तित्व में नहीं आ सका है। कोर्ट में मामला चला गया था। अब नई जणगणना के बाद ही कुछ हो सकता है। इधर एक बार फिर से मामला उठने लगा है। लोग इसकी मांग करने लगे हैं।
20 मई 2009 को पत्र जारी कर रजौली अनुमंडल मुख्यालय को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद वार्ड काउंसलर चुनाव के लिए प्रखंड परिसर से प्रत्याशियों ने एनआर कटवा लिया था। लेकिन रजौली मुख्यालय से जुड़ने वाले पंचायतों के मुखिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसके बाद परिसीमन को लेकर कोर्ट ने नगर पंचायत की नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी। तब से अभी तक नगर पंचायत का मामला कानूनी पेच में फंसा हुआ है।
इन इलाके को किया गया था शामिल
2009 में नगर पंचायत के जारी नोटिफिकेशन में रजौली पूर्वी, रजौली पश्चिमी और टकुआटॉड़ को शामिल किया गया था। इनमें अधिकांश गांव जो कृषि पर आधारित थे, इसी को आधार बताते हुए हाईकोर्ट में अपील की गई। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 30 अप्रैल 2010 को स्टे लगा दिया। हाईकोर्ट ने सरकार को कहा कि फिर से परिसीमन तय कराया जाए।
2021 की जणगणना के बाद ही दर्जा मिलने की उम्मीद
हाइकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने फिर से रजौली में नगर पंचायत के लिए परिसीमन तैयार किया। इसमें नदी के इस पार के सभी वार्ड व शहरी इलाके को रखा गया। प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया। लेकिन फिर से इसमें एक पेच फंस गया। सरकार ने 2021 के नए जनसंख्या सर्वे को लेकर फिर से इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। अब जनगणना के बाद ही रजौली को फिर से नगर पंचायत का दर्जा मिलने की उम्मीद दिख रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2008 में की थी नगर पंचायत बनाने की घोषणा
बता दें कि रजौली को नगर पंचायत बनाने का घोषणा इंटर विद्यालय के मैदान से वर्ष 2008 के दिसंबर महीने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं की थी। मुख्यमंत्री ने जनसभा में कहा था कि रजौली को जल्द ही नगर पंचायत का दर्जा मिलेगा। उस आलोक में कुछ महीने बाद ही इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो गया। लेकिन 12 वर्षों से मामला अटका पड़ा है।
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