साहब, यहां तो दूध पीने से पहले नवजात फांकते हैं सोन नदी का धूल, औरंगाबाद के ग्रामीणों की सांसत में जान
औरंगाबाद के बारुण में सोन नदी के बालू की अवैध ढुलाई होती रहती है। लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं। इस बालू के कारण सड़क से लेकर लोगों के घर तक में धूल की मोटी परत जमा हो जाती है।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। सोन नदी की रेत से बारुण के ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। दिन और रात यहां के ग्रामीण सोन की रेत की ढुलाई के दौरान उड़ रहा धूल फांकते रहते हैं। इस कारण लोग सांस की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। उनका खाना-पीना, सोना सब मुश्किल हो गया है। सड़क से लेकर घर के कमरे तक में धूल की मोटी परत जमा रहती है।खांसते हुए ग्रामीण कहते हैं कि यह सोन की रेत की धूल से है। हमारी तो यह स्थिति है कि जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो दूध से पहले धूल फांकता है।
रहना, खाना सब हो गया है मुश्किल
ग्रामीण बताते हैं कि जीटी रोड केशव मोड़ से नबीनगर जाने वाली सड़क के किनारे रहने वाले ग्रामीणों की जीवन खतरे में है। एक तो धूल के कारण उनलोगों का रहना मुश्किल हो गया है तो दूसरी ओर धड़ल्ले से दौड़ रहे बालू लदे ट्रैक्टर की वजह से जीवन पर खतरा मंडराता रहता है। धूल की मोटी परत के कारण सड़क पर ठीक से चल नहीं सकते लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।
हर समय बनी रहती है हादसे की आशंका
विरोध करने पर धमकाते हैं बालू माफिया के गुंडे ट्रैक्टरों से बेतहाशा बालू ढुलाई से हर समय दुर्घटना होती रहती है। लोगों की मौत से लेकर घायल होते रहते हैं। ग्रामीण कहते हैं कि आवाज उठाते हैं तो इस धंधे के माफिया के गुंडे समूह में पहुंचकर धमकाते हैं। वे हथियार से लैस होते हैं। रामजनम यादव, रंजन कुमार, मिथलेश कुमार ने कहा कि जब प्रशासन इन बालू माफिया पर लगाम नहीं लगा सकी तो हम ग्रामीणों की क्या औकात है। बारुण में बालू के माफिया के समूह के सामने पुलिस की हनक भी समाप्त हो गई है। ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि इस धंधे में सभी बेपर्द हैं।
सड़कों पर जमे बालू से आवागमन हो गया बंद
सोन से बालू लेकर जीटी रोड पकड़ने वाले वाहनों से गिरते रेत से सड़कों का वजूद समाप्त हो गया है। बलू लदे ओवरलोड ट्रकों से जीटी रोड से नबीनगर जाने वाली मुख्य पथ टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई है। इस सड़क से
बाइक एवं साइकल सवारों का चलना खतरे से खाली नहीं। बिजली परियोजना के अधिकारी भी इस सड़क से चलने में हर समय दहशत में रहते हैं। नहर मार्ग पर करीब एक से दो फीट बालू जमा होने से बाइक एवं साइकल सवारों का चलना बंद हो गया है। पैदल आवागमन भी ग्रामीण नहीं करते हैं। कार से भी बालू जमी सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। प्रतिदिन इस नहर मार्ग से बालू लदे सैकड़ों ट्रैक्टरों का आवागमन होता है। दिन और रात बालू लदे ट्रैक्टर दौड़ते रहते हैं। तेज रफ्तार में दौड़ने वाले ट्रैक्टरों से ग्रामीणों को हादसे का शिकार होने की संभावना हर समय बनी रहती है। ग्रामीण कहते हैं कि ट्रैक्टर से बचाने के लिए बच्चों को घर में कैद रखना पड़ता है।
कहते हैं जिला खनन पदाधिकारी
जिला खनन पदाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि बारुण में अवैध खनन के खिलाफ नियमित छापामारी की जाती है। अवैध खनन में लगे वाहनों एवं धंधेबाजों को पकड़ा जाता है। कहा कि पिछले एक वर्ष की कार्रवाई को देखें तो कई वाहन जब्त किए गए हैं। धंधेबाजों को पकड़ा गया है।