लाखों की कारें-एंबुलेंस खुले आसमान के नीचे सड़ने को मजबूर, डोभी चेकपोस्ट बना 'कबाड़ खाना'
डोभी चेकपोस्ट पर जब्त वाहनों का ढेर लगा है, जिनमें लाखों की कारें और एंबुलेंस शामिल हैं। शराबबंदी के बाद पकड़े गए ये वाहन नीलामी न होने के कारण कबाड़ ...और पढ़ें

डोभी चेकपोस्ट बना कबाड़ खाना
संवाद सूत्र, डोभी। सूरज मंडल स्थित समेकित जांच चौकी पर जब्त वाहनों का ढेर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। शराबबंदी के बाद उत्पाद विभाग लगातार शराब और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी में उपयोग होने वाले वाहनों को पकड़ रहा है, लेकिन नीलामी प्रक्रिया ठप पड़ने के कारण ये गाड़ियां चेकपोस्ट परिसर में ही धीरे-धीरे कबाड़ में तब्दील हो रही हैं।
स्थिति यह है कि कई बेशकीमती कारें, एंबुलेंस और स्कॉर्पियो जैसी महंगी गाड़ियां भी खुले आसमान तले सड़ने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार चेकपोस्ट पर हर महीने एक से डेढ़ दर्जन वाहन पकड़े जाते हैं, जबकि नीलामी लगभग नहीं के बराबर होती है। इससे जब्त वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है।
इंजन, सीटें और बॉडी खराब
इन वाहनों में बाइक, ट्रक, पिकअप वैन, लक्जरी कार, ऑटो, एंबुलेंस, शव वाहन, मिनी ट्रक, स्कॉर्पियो, बोलेरो सहित विभिन्न श्रेणी के वाहन शामिल हैं। इनमें से कई गाड़ी लाखों रुपये मूल्य की हैं, जिनका रखरखाव न होने के कारण उनकी हालत तेजी से बिगड़ रही है।
बरसात में वाहनों में पानी भर जाता है, जबकि गर्मी में तेज धूप से इनके इंजन, सीटें और बॉडी खराब हो रही हैं। खुले में पड़े होने के कारण कई वाहन जंग खा चुके हैं।
चेक पोस्ट परिसर वाहन कबाड़ खाने में तब्दील
स्थानीय लोगों का कहना है कि समय पर नीलामी नहीं होने से सरकार को भी राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। वहीं चेकपोस्ट परिसर वाहन कबाड़ खाने में बदलता जा रहा है, जब्त वाहनों के रखरखाव को लेकर भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। न तो इनके लिए शेड की व्यवस्था है और न ही सुरक्षा के लिए अलग से कोई प्रावधान।
चेकपोस्ट पर तैनात उत्पाद विभाग के नोडल अधिकारी रामप्रीती कुमार ने बताया कि जब्त वाहनों की नीलामी के लिए सूची जिला कार्यालय को भेजी जा चुकी है। कोर्ट और विभाग के आदेश के बाद ही वाहन छोड़े जाएंगे।

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