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यार्ड में खड़ी ट्रेन से बैटरी व अन्‍य सामान की चोरी करने वाले सात गिरफ्तार, गया में RPF को मिली सफलता

गया जंक्शन के यार्ड में खड़ी ट्रेन की कोच से बैटरी चुराने व खरीदने वाले सात लोगों को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया है। साथ ही कबाड़ दुकान से दो टूटी बैटरी व दो सिग्‍नल इंडिकेटर भी बरामद किए गए हैं।

By subhash kumarEdited By: Vyas ChandraPublished: Fri, 25 Nov 2022 10:11 AM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 10:11 AM (IST)
चोरी में शामिल सात बदमाश गिरफ्तार। सांकेतिक तस्‍वीर

गया, जागरण सवांददाता। आरपीएफ की टीम ने गया जंक्शन स्थित वाशिंग पिट व लोको यार्ड में खड़ी ट्रेन के एक कोच से बैटरी चोरी करने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों की पहचान डेल्हा थाना क्षेत्र के बैरागी के पास रहने वाले महेंद्र मांझी के पुत्र विकास कुमार उर्फ बौना, खुरखुरा निवासी जितेंद्र प्रसाद के पुत्र नितिन कुमार उर्फ निखिल, खुरखुरा नवादा बस्‍ती निवासी विलास चौधरी के पुत्र राजा कुमार उर्फ चैया, खुरखुरा के ही शंकर पासवान के पुत्र विकास कुमार उर्फ राहुल उर्फ मंगरा तथा मनोज प्रसाद के पुत्र विशाल कुमार के रूप में की गई है। कबाड़ी दुकान संचालक लक्ष्मण कुमार उम्र 25 वर्ष, पिता स्वर्गीय श्याम सुंदर प्रसाद केसरी पता गांधी मोड़ छोटकी नवादा  से गिरफ्तार किया गया। 

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बौना की निशानदेही पर पकड़े गए सात 

बताया जाता है कि सबसे पहले पुलिस ने विकास कुमार उर्फ बौना को पकड़ा। उसकी निशानदेही पर अन्‍य को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद कबाड़ दुकानदार लक्ष्‍मण कुमार को आरपीएफ ने दबोचा। दुकान की जांच में  ट्रेन कोच की टूटी हुई दो बैटरी व दो  सिग्‍नल रूट इंडिकेटर बरामद किए गए। वहीं, ऐंबुस लगाकर पकड़ने के दौरान एक चोर भाग निकला था। हालांकि शाम में उसे भी पकड़ लिया गया। उसका नाम मनीष कुमार उर्फ भारत है। उसे जोड़ा मस्जिद थाना बुनियादगंज जिला गया के पास से पकड़ा गया है।

हजारों के सामान की हुई बरामदगी 

बैटरी चोरी में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए निरीक्षक प्रभारी के नेतृत्व में उपनिरीक्षक जावेद इकबाल साथ सहायक उपनिरीक्षक सनोज कुमार, सहायक उपनिरीक्षक संजय कुमार सिंह, आरक्षी अमित कुमार,आरक्षी नरेंद्र कुमार,आरक्षी विकास कुमार सभी रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट गया की एक टीम गठित की गई। गिरफ्तार आरोपितों के पास से चोरी के बरामद सामान की कीमत 31 हजार 200 रुपये आंकी गई है। केस अनुसंधान की जिम्मेदारी आरपीएफ उपनिरीक्षक मोनिका कुमारी को दी गई थी। 


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