गयाजी में चिड़ियों को दाना-पानी देने के लिए पहाड़ की 365 सीढ़ियां चढ़ते हैं रंजन, आवास बनाने का लिया संकल्प
रंजन कुमार 365 सीढ़ियां चढ़कर गयाजी के प्रसिद्ध रामशिला पहाड़ पर चिड़ियों को दाना-पानी देते हैं। विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के सरंक्षण के लिए लोगों को जागरूक भी करते हैं। वह 2018 से दाना-पानी लगाओ पक्षियों को बचाओ अभियान चला रहे हैं। वह प्रत्येक दो से तीन दिन के अंतराल पर पानी व दाना देते हैं।

सुभाष कुमार,जागरण. गयाजी। गयाजी में बढ़ती गर्मी को देखते हुए बागेश्वरी मोहल्ले के रहने वाला रंजन कुमार 365 सीढ़ियां चढ़कर यहां के प्रसिद्ध रामशिला पहाड़ आते हैं। उन्होंने इस पहाड़ के अनेकों पेड़ों पर पंछियों के लिए दाना-पानी लगाओ पंक्षियों को बचाओ अभियान की शुरुआत की है।
विशेषकर गर्मियों के दिनों में हर वर्ष पक्षियों के लिए रामशिला पहाड़ के अनेकों पेड़ों पर दो अलग-अलग बर्तन (सकोरे) टांग कर दाना पानी देते हैं। विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के सरंक्षण के लिए लोगों को जागरूक भी करते हैं।
सभी को करनी चाहिए छोटी कोशिश
वह कहते हैं कि इस गर्मी से सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पंक्षी भी परेशान हैं। हर साल गर्मी के मौसम में पानी नहीं मिलने पर बड़ी संख्या में पंक्षी प्यास से अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसे में अगर हम सभी एक छोटी-सी कोशिश करें और थोड़ी मानवता दिखाएं।
ताकि पानी के लिए न हो पंक्षियों की मौत
अपने-अपने घर, आफिस के छत्त या आसपास के पेड़ों पर आने वाले पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें तो हम गर्मी के कारण होने वाली पक्षियों की मौत में काफी कमी ला सकते हैं। इस अभियान में उन्होंने डा. बीआर आंबेडकर शिक्षण संस्थान के लोगों को भी जोड़ा है। इस संस्थान से जुड़े लोग गर्मियों में पक्षियों के लिए दाना पानी देकर उनकी मदद करते हैं।
पंक्षियों को बचाने चला रहे अभियान
रंजन कुमार ने बताया कि वह 2018 से दाना-पानी लगाओ, पक्षियों को बचाओ अभियान चला रहे हैं। रामशिला पहाड़ी से लेकर बागेश्वरी इलाके के अनेक पेड़ों, घरों एवं मंदिरो की छत जैसी जगहों पर सौ से अधिक सकोरे लगाए हैं। इसमें 70 फीसदी सकोरे सही हैं और कुछ स्कोरे टूट गए व कुछ सकोरों में पक्षियों ने अपना घोंसले बना लिए हैं।
दो से तीन दिन के अंतराल पर देते पानी व दाना
जो सही सीकोरे बचे हैं उनमें वह प्रत्येक दो से तीन दिन के अंतराल पर पानी व दाना देते हैं। ऐसे ही वह कई लोगों को खुले पिचड़े व सकोरे लोगों को देते हैं और उन्हें बताते हैं कि वह भी अपने घर के छत पर आने वाली पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें, ताकि पक्षियों को राहत मिल सकें। उन्होंने ने बताया कि बर्तन, दाना-पानी की व्यवस्था उनकी टोली खुद करती है।
सराहनीय कार्य के लिए मिल रही मदद
वह बताते हैं कि परिवार के लिए जन वितरण प्रणाली की ओर से मिलने वाला चावल वह पक्षियों को खिलाते हैं। दो भाई निरंजन एवं मनोरंजन कुमार दोस्तों सुभम कुमार के अलावा आसपास के लोग भी उनकी इस नेक काम में बढ़ चढ़ के मदद करते हैं।
अब यहां कोई पक्षियों को नहीं पकड़ता
बताया कि पूर्व में रामशिला पहाड़ के पेड़ों से बहेलियों द्वारा पक्षियों को पकड़ा जाता था, लेकिन जब से बागेश्वरी सहित आसपास के मुहल्ले के युवाओं ने पक्षियों की सेवा कार्य में लगे हैं, तब से पक्षियों को पकड़ने की काम नहीं हो रहा है। अब यहां कोई भी पक्षियों को नहीं पकड़ता है।
ठंड में बनाएंगे पंछियों के लिए आवास
अगर कोई पक्षियों को पकड़ता है, तो उसे समझाने की कोशिश की जाती है। अन्यथा कार्रवाई करने की बात कही जाती है। उन्होंने बताया कि आने वाले ठंड के दिनों में पंछियों के लिए आवास बनाएंगे। उनका कहना है कि यह उनका संकल्प है कि जब तक वह जीवित रहेंगे, जीव, जंतु, पशु पंक्षियों को सेवा करते रहेंगे।
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