'कोटेश्वर धाम का पीपल भी ऐतिहासिक'
गया। बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर के साथ-साथ मंदिर के समीप एक पीपल का पेड़ भी ऐतिहासिक है। जो इस धार्मि
गया। बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर के साथ-साथ मंदिर के समीप एक पीपल का पेड़ भी ऐतिहासिक है। जो इस धार्मिक स्थल की महत्ता को और भी बढ़ता है। आम तौर पर किसी भी पीपल के वृक्ष की आयु अधिकतम सौ वर्ष मानी जाती है। मगर भारतीय पुरातात्विक विभाग के अनुसार इस मंदिर के पास पीपल वृक्ष की आयु तीन सौ वर्ष के आसपास है। ये जानकारी शुक्रवार को कोटेश्वर नाथ धाम महोत्सव के दौरान पहुंचे लोकायुक्त श्याम किशोर शर्मा ने दी। शुक्रवार को बिहार पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से बेलागंज के मेन गाव में कोटेश्वर नाथ धाम महोत्सव 2017 का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि लोकायुक्त श्याम किशोर शर्मा मौजूद थे। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये श्री शर्मा ने कहा कि पुरातत्व विभाग की सर्वेक्षण रिपोर्ट बताती है कि बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर 8 वीं शताब्दी के आसपास की निर्मित है। यहा सहस्त्र शिवलिंग की स्थापना और मंदिर की बनावट को देख लोग अंचभित रह जाते हैं। वही मंदिर से चंद कदम की दूरी पर रहे विशाल व वृद्ध पीपल का वृक्ष भी लगभग तीन सौ वर्ष पुराना है। कार्यक्रम को पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति समरेंद्र प्रताप सिंह, जहानाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश चन्द्र, निगरानी विभाग के पुलिस उप-महानिरीक्षक रविंद्र कुमार , गया के जिलाधिकारी कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक आदि लोगों ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिले के कई वरीय अधिकारी, बेलागंज बीडीओ अनुपम कुमार, सीओ अलका कुमारी, मंदिर प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष किशोरी मोहन शर्मा, सचिव योगेन्द्र कुमार शर्मा, सदस्य अशोक कुमार, दीपक कुमार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य उपस्थित थे। महोत्सव में अजीत कुमार अकेला, इंद्रजीत गांगुली, उत्सव श्रेय आदि लोक गायक के अलावा कस्तूरबा बालिका विद्यालय रहीम बिगहा की छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया।
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