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    धान खरीद में गड़बड़ी उजागर: किसानों से प्रति क्विंटल पांच किलो अतिरिक्त धान, बोरा का पैसा भी नहीं मिल रहा

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 03:43 PM (IST)

    किसानों से धान खरीद में अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। आरोप है कि प्रति क्विंटल पांच किलो अतिरिक्त धान लिया जा रहा है, और बोरे का पैसा भी नहीं दिया जा ...और पढ़ें

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    धान खरीद के लिए सरकार ने पैक्स को सशक्त माध्यम बनाया 

    संवाद सूत्र, डोभी(गयाजी)। प्रखंड के पैक्स द्वारा चल रही धान खरीद व्यवस्था में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। धान खरीद के लिए सरकार ने पैक्स को सशक्त माध्यम बनाया है, लेकिन इस बार प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के हड़ताल के कारण खरीद प्रक्रिया में देरी हुई। इसके बीच सोमवार को सीमावर्ती बारी पैक्स की स्थिति की पड़ताल करने पहुंचे जागरण प्रतिनिधि को कई खामियां मिलीं है।

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    गोदाम का मुख्य द्वार तो खुला था, लेकिन न पैक्स अध्यक्ष मौजूद थे, न ही प्रबंधक। फोन कर बुलाने के बाद पैक्स अध्यक्ष दिलीप कुमार पहुंचे।

    उन्होंने बताया कि दो हजार क्विंटल धान राइस मिल भेजा जा चुका है, जबकि उन्हें केवल 423 क्विंटल का एडवाइस मिला है। पैक्स के अभिलेखों के अनुसार तीन किसानों से अब तक 282 क्विंटल धान की खरीद दर्शाई गई है।

    सबसे बड़ी बात, पैक्स के बाहर कोई बोर्ड, डिस्प्ले, स्टॉक रजिस्टर, लाइसेंस, नमी मापक यंत्र जैसी अनिवार्य सामग्रियां मौजूद नहीं थीं। सरकारी गोदाम न होने के कारण निजी गोदाम में खरीदारी संचालित की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और भी संदिग्ध हो जाती है।

    किसानों ने कई गंभीर आरोप लगाए। किसान पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने 94 क्विंटल धान के साथ बोरा भी दिया, लेकिन पैक्स ने बोरा उपलब्ध नहीं कराया और न ही धान का मूल्य बताया गया।

    साथ ही एक क्विंटल पर पांच किलोग्राम अधिक धान लिया जा रहा है। किसान रामजी यादव ने बताया कि बोरा का पैसा भी नहीं मिलता, जबकि सरकार प्रति क्विंटल धान पर 25 रुपए बोरा मद के रूप में देती है।

    सरकार ने इस वर्ष साधारण धान का समर्थन मूल्य 2369 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। प्रखंड में बजौरा, नावाडीह, कुशा बीजा, कुरमावा और नीमा में सरकारी गोदाम मौजूद हैं, लेकिन बारी पैक्स सुविधा विहीन है। यहां किसानों और मजदूरों के लिए फर्स्ट एड भी नहीं दिखा।

    प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी बिपिन कुमार ने स्पष्ट किया कि अभी किसी पैक्स का राइस मिल से टैगिंग नहीं हुआ है, इसलिए धान गोदाम में ही रखा जाना चाहिए। किसी भी किसान से अधिक धान लेने पर रोक है और बोरा का पैसा भुगतान में जोड़कर देना अनिवार्य है।

    पैक्स अध्यक्ष दिलीप कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि राइस मिल एक क्विंटल पर साढ़े तीन किलो धान अधिक लेता है, इसलिए किसान से अतिरिक्त धान लिया जा रहा है। हालांकि, किसान और अधिकारी दोनों ही इस व्यवस्था से असंतुष्ट दिख रहे हैं।